Easy UPSC Syllabus 2024 in Hindi Medium

किसी भी परीक्षा में सफल होने के लिये सिर्फ कठिन परिश्रम करना ही पर्याप्त नहीं है बल्कि सही दिशा में भी प्रयास करना आवश्यक है। अगर हमें अपने लक्ष्य के बारे में ठीक-ठीक जानकारी न हो तो अपार परिश्रम भी असफलता की भेंट चढ़ जाने को अभिशप्त होता है। सिविल सेवा की परीक्षा भी इसका अपवाद नहीं है।

इसलिये यह आवश्यक है कि हम पहले इस बात से भली-भाँति परिचित हो जाएँ कि यह परीक्षा अभ्यर्थियों से क्या अपेक्षाएँ रखती है? इस अपेक्षा को जानने का सबसे बुनियादी स्रोत है सिविल सेवा परीक्षा का पाठ्यक्रम अर्थात् एक ऐसा दस्तावेज जिसमें परीक्षा के विभिन्न चरणों के बारे में जानकारी दी होती है तथा उन विषयों का जिक्र होता है जिनसे संबंधित प्रश्न परीक्षा में पूछे जाते हैं।

अतः यह जरूरी है कि आप न केवल UPSC Syllabus In Hindi से परिचित हों बल्कि यह हमेशा आपके पास रहे भी ताकि आप ज्ञान के अपार संसार में अपने लक्ष्य से विचलित न हो जाएँ। यह article आपको अपने लक्ष्य पर केंद्रित रहने में मदद करेगी।

इस article में इन्हीं सब महत्त्वपूर्ण जानकारियों का एक संकलन है। आप तकनीकी पक्षों को भी सहजता से ग्रहण कर सकें इसलिये कृत्रिम व उबाऊ अनुवाद को सरल व सहज भाषायी प्रवाह से प्रतिस्थापित कर दिया गया है। अब आप इसे पढ़ें और अपने लक्ष्य के प्रति एकाग्रता बनाए रखें।

UPSC Syllabus 2024 in Hindi Medium
UPSC Syllabus 2024 in Hindi Medium

Table of Contents

UPSC Syllabus 2024 : संघ लोक सेवा आयोग निम्नलिखित पदों पर भर्ती के लिये प्रतियोगिता परीक्षा का आयोजन करता है :–

UPSX SYLLABUS आयु सीमा (Age Limit ) :–

आयु की गणना परीक्षा के वर्ष के 1 अगस्त से की जाएगी।जो अभ्यर्थी 1 जनवरी, 1980 से 31 दिसंबर, 1989 के बीच जम्मू एवं कश्मीर में निवासरत थे उन्हें आयु में अधिकतम 5 वर्ष की छूट मिलेगी।

वर्ग (Category )आयु सीमा (Age Limit)Attempts 
सामन्य वर्ग (general /others)21 से 32 वर्ष 6
अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC )21 से 35 वर्ष9
अनुसूचित जति (SC)21 से 37 वर्षUnlimited (Up to age limit )
अनुसूचित जनजाति (ST)21 से 37 वर्षUnlimited (Up to age limit )



UPSC Syllabus PT : प्रारंभिक परीक्षा के प्रश्नपत्र-1 का संबंध सामान्य अध्ययन से है। इसका पाठ्यक्रम निम्नलिखित है-



1. राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ (Current Events of National and International Importance) 

2. भारत का इतिहास और भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन (History of India and Indian National Movement)

3. भारत एवं विश्व का भूगोल : भारत एवं विश्व का प्राकृतिक, सामाजिक, आर्थिक भूगोल (Indian and World Geography – Physical, Social, Economic Geography of India and – the World)

4. भारतीय राज्यतंत्र और शासन- संविधान, राजनीतिक प्रणाली, पंचायती राज, लोकनीति, अधिकारों संबंधी मुद्दे आदि (Indian Polity and Governance-Constitution, Political System, Panchayati Raj, Public Policy, Rights Issues etc.)

5. आर्थिक और सामाजिक विकास- सतत् विकास, गरीबी, समावेशन, जनसांख्यिकी, सामाजिक क्षेत्र में की गई पहलें आदि (Economic and Social Development-Sustainable Development, Poverty, Inclusion, Demographics, Social Sector initiatives etc.)

6. पर्यावरणीय पारिस्थितिकी, जैव-विविधता और जलवायु परिवर्तन संबंधी सामान्य मुद्दे, जिनके लिये विषयगत विशेषज्ञता आवश्यक नहीं है (General issues on Environmental Ecology, Bio-diversity & Climate Change – that do not require subject specialization) 
7. सामान्य विज्ञान (General Science) 

प्रारंभिक परीक्षा में सामान्य अध्ययन के विभिन्न खंडों का तुलनात्मक महत्त्व (Relative Importance of General Studies different Segments in Preliminary Examination):–

सामान्य अध्ययन के प्रश्न पाठ्यक्रम में शामिल विभिन्न खंडों/ विषयों से किस अनुपात में पूछे जाएंगे, यह निश्चित नहीं है। आमतौर पर इतिहास, राजव्यवस्था, पर्यावरण व पारिस्थितिकी, अर्थव्यवस्था और भूगोल से ज्यादा प्रश्न पूछे जाते हैं, लेकिन 2016 में इसमें आमूलचूल परिवर्तन देखा गया। परिवर्तन की यह प्रवृत्ति 2022 में भी विद्यमान रही। इस तरह, प्रश्नों के अनुपात की प्रवृत्ति बिल्कुल ही अनिश्चित है।

UPSC SYLLABUS : अब हम जानेगे UPSC Exam पैटर्न साथ ही प्रारंभिक परीक्षा और मुख्य परीक्षा का Syllabus

  1. प्रारंभिक परीक्षा(P.T.)
  2. मुख्य परीक्षा( Mains)
  3. साक्षात्कार (Interview)
                    1.प्रारंभिक परीक्षा
प्रश्नपत्र-1 सामान्य अध्ययन(GS)प्रश्नपत्र II:सीसैट(CSAT)
प्रश्न 100प्रश्न 80
अधिकतम अंक 200अधिकतम अंक : 200
समय 2 घंटेसमय: 2 घंटे
ऋणात्मक अंक : 1/3क्वालीफाइंग (33%)
ऋणात्मक अंक : 1/3

CSAT का Syllabus (CIVIL SERVICES APTITUDE TEST

UPSC SYLLABUS मुख्य परीक्षा

  1. क्वालीफाइंग प्रश्नपत्र
  2.  मेरिट लिस्ट में शामिल प्रश्नपत्र
(a) क्वालीफाइंग प्रश्नपत्र
प्रश्नपत्र : कप्रश्नपत्र : ख
हिंदी या संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल कोई भाषाअंग्रेज़ी भाषा
क्वालीफाइंग : 25%क्वालीफाइंग : 25%
अधिकतम अंक : 300अधिकतम अंक : 300
समय: 3 घंटेसमय: 3 घंटे

(A) मेरिट लिस्ट में शामिल प्रश्नपत्र

प्रश्नपत्र-Iप्रश्नपत्र–II
निबंधसामान्य अध्ययन-1(GS–1)
अधिकतम अंक : 250भारतीय विरासत तथा संस्कृति, विश्व का इतिहास एवं भूगोल और समाज
समय: 3 घंटेसमय :3 घंटे
प्रश्नपत्र III:प्रश्नपत्र – IV
सामान्य अध्ययन-2(GS–2)सामान्य अध्ययन-3(GS–3)
शासन व्यवस्था, संविधान, शासन-प्रणाली, सामाजिक न्याय तथा अंतर्राष्ट्रीय संबंधप्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, जैव विविधता पर्यावरण, सुरक्षा तथा आपदा प्रबंधन 2 अधिकतम
अधिकतम अंक : 250अधिकतम अंक : 250
समय: 3 घंटेसमय: 3 घंटे
प्रश्नपत्र – V:प्रश्नपत्र – VIप्रश्नपत्र – VII
सामान्य अध्ययन-4(GS–4)वैकल्पिक विषयवैकल्पिक विषय
नीतिशास्त्र, सत्यनिष्ठा और अभिरुचिप्रश्नपत्र–1प्रश्नपत्र–2
अधिकतम अंक : 250अधिकतम अंक : 250अधिकतम अंक : 250
समय: 3 घंटेसमय: 3 घंटेसमय: 3 घंटे

UPSC Syllabus 2024: मुख्य परीक्षा :–

मुख्य परीक्षा क्या है?(What is Main Examination ?) :–

 सिविल सेवा परीक्षा का दूसरा चरण ‘मुख्य परीक्षा’ कहलाता है। प्रारंभिक परीक्षा का उद्देश्य सिर्फ इतना है कि सभी उम्मीदवारों में से कुछ गंभीर व योग्य उम्मीदवारों को चुन लिया जाए तथा वास्तविक परीक्षा उन चुने हुए उम्मीदवारों के बीच आयोजित कराई जाए। प्रारंभिक परीक्षा में सफल होने वाले उम्मीदवारों को सामान्यत: सितंबर माह के दौरान मुख्य परीक्षा देने के लिये आमंत्रित किया जाता है। गौरतलब है कि जहाँ प्रारंभिक परीक्षा पूरी तरह वस्तुनिष्ठ (Objective) होती है, वहीं मुख्य परीक्षा में अलग-अलग शब्द सीमा वाले वर्णनात्मक (Descriptive) प्रश्न पूछे जाते हैं। इन प्रश्नों में विभिन्न विकल्पों में से उत्तर चुनना नहीं होता बल्कि अपने शब्दों में लिखना होता है। यही कारण है कि मुख्य परीक्षा में सफल होने के लिये अच्छी लेखन शैली को भी एक महत्त्वपूर्ण योग्यता माना जाता है।

मुख्य परीक्षा की संरचना व प्रणाली (Structure & System of Main Examination) :–

मुख्य परीक्षा कुल 1750 अंकों की होती है जिसमें 1000 अंक सामान्य अध्ययन के लिये (250-250 अंकों के 4 प्रश्नपत्र), 500 अंक एक वैकल्पिक विषय के लिये (250-250 अंकों के 2 प्रश्नपत्र) तथा 250 अंक निबंध के लिये निर्धारित हैं। इसके अलावा, 300-300 अंकों के दो प्रश्नपत्र (अंग्रेजी तथा भारतीय भाषा (हिंदी या कोई अन्य भाषा)] होते हैं, जो क्वालीफाइंग प्रकृति के हैं। भारतीय भाषा में न्यूनतम अर्हता अंक 25% (75) तथा अंग्रेजी में भी न्यूनतम अर्हता अंक 25% (75) निर्धारित किये गए हैं।

UPSC का मुख्य परीक्षा का Syllabus वर्तमान प्रकार है:–

निबंध250 अंक
प्रश्नपत्र-2सामान्य अध्ययन-1: (भारतीय विरासत और संस्कृति, विश्व का इतिहास एवं भूगोल तथा समाज)250 अंक
प्रश्नपत्र-3सामान्य अध्ययन – 2 : (शासन व्यवस्था, संविधान, शासन-प्रणाली, सामाजिक न्याय तथा अंतर्राष्ट्रीय250 अंक
प्रश्नपत्र-4सामान्य अध्ययन-3 : (प्रौद्योगिकी, 250 अंक
आर्थिक विकास, जैव-विविधता,
पर्यावरण, सुरक्षा तथा आपदा प्रबंधन)
250 अंक
प्रश्नपत्र-5सामान्य अध्ययन- 4: (नीतिशास्त्र, सत्यनिष्ठा और अभिरुचि)250 अंक
प्रश्नपत्र-6वैकल्पिक विषय- प्रश्नपत्र – 1250 अंक
प्रश्नपत्र-7वैकल्पिक विषय- प्रश्नपत्र – 2250 अंक
क्वालीफाइंगप्रश्नपत्र– कहिंदी या संविधान की 8वीं अनुसूचीमें शामिल कोई भाषा300 अंक * *
क्वालीफाइंगप्रश्नपत्र –ख अंग्रेज़ी300 अंक * *

कुल अंक (Total Marks
1750 अंक

ध्यान दें कि दोनों क्वालीफाइंग प्रश्नपत्रों के अंक योग्यता निर्धारण के लिये नहीं जोड़े जाते हैं।

नोट:–  मुख्य परीक्षा के प्रश्नपत्र अंग्रेज़ी और हिंदी दोनों भाषाओं में साथ-साथ प्रकाशित किये जाते हैं, पर उम्मीदवारों को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल 22 भाषाओं में से किसी में भी उत्तर देने की छूट होती है। वे सिविल सेवा परीक्षा के फॉर्म में मुख्य परीक्षा हेतु जिस भाषा को अपने माध्यम के तौर पर अंकित करते हैं, उन्हें मुख्य परीक्षा के सभी प्रश्नपत्रों के उत्तर उसी भाषा में लिखने होते हैं। केवल साहित्य के विषयों में यह छूट है कि उम्मीदवार उसी भाषा की लिपि में उत्तर लिखेगा, चाहे उसका माध्यम वह भाषा न हो। उदाहरण के लिये, अंग्रेजी माध्यम का उम्मीदवार अगर वैकल्पिक विषय के रूप में हिंदी साहित्य का चयन करता है तो उसके उत्तर वह देवनागरी लिपि में लिखेगा। शेष मामलों में, इसकी अनुमति नहीं है कि उम्मीदवार अलग-अलग प्रश्नपत्रों के उत्तर अलग-अलग भाषाओं में दे (हालाँकि, कुछ राज्यों के लोक सेवा आयोगों ने ऐसी अनुमति दी हुई है)।

मुख्य परीक्षा के लिये वैकल्पिक विषयों की सूची :–

• कृषि• दर्शनशास्त्र
• पशुपालन एवं पशुचिकित्सा विज्ञान• राजनीति विज्ञान तथा अंतर्राष्ट्रीय संबंध
• नृ-विज्ञान• भौतिकी
• वनस्पति विज्ञान• मनोविज्ञान
• रसायन विज्ञान•लोक प्रशासन
• सिविल इंजीनियरी• समाजशास्त्र
•वाणिज्य व लेखाविधि• सांख्यिकी
• अर्थशास्त्र• प्राणि विज्ञान
• विधि•चिकित्सा विज्ञान
• भूगोल•यांत्रिक इंजीनियरी
• भू-विज्ञान• गणित
• इतिहास• प्रबंधन
• इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग
• निम्नलिखित भाषाओं में से किसी एक भाषा का साहित्य : असमिया, बांग्ला, बोडो, डोगरी, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मैथिली, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, नेपाली, ओडिया, पंजाबी, संस्कृत, संथाली, सिंधी, तमिल, तेलुगू, उर्दू और अंग्रेज़ी ।

UPSC Syllabus 2024 का सामान्य अध्ययन Syllabus GS-1 , GS-2 , GS-3 , GS-4

सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र -1: भारतीय विरासत और संस्कृति, विश्व का इतिहास एवं भूगोल और समाज (GS–1)
क्र. सं.विषय 
1.भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से आधुनिक काल तक के कला के रूप, साहित्य और वास्तुकला के मुख्य पहलू शामिल होंगे।
218वीं सदी के लगभग मध्य से लेकर वर्तमान समय तक का आधुनिक भारतीय इतिहास- महत्त्वपूर्ण घटनाएँ, व्यक्तित्व, विषय ।
3स्वतंत्रता संग्राम- इसके विभिन्न चरण और देश के विभिन्न भागों से इसमें अपना योगदान देने वाले महत्त्वपूर्ण व्यक्ति/ उनका योगदान।
4स्वतंत्रता के पश्चात् देश के अंदर एकीकरण और पुनर्गठन ।
5विश्व के इतिहास में 18वीं सदी तथा बाद की घटनाएँ यथा- औद्योगिक क्रांति, विश्व युद्ध, राष्ट्रीय सीमाओं का पुन: सीमांकन, उपनिवेशवाद, उपनिवेशवाद की समाप्ति, राजनीतिक दर्शन जैसे- साम्यवाद, पूंजीवाद, समाजवाद आदि शामिल होंगे, उनके रूप और समाज पर उनका प्रभाव ।
6भारतीय समाज की मुख्य विशेषताएँ, भारत की विविधता । 
7महिलाओं की भूमिका और महिला संगठन, जनसंख्या एवं संबद्ध मुद्दे, गरीबी और विकासात्मक विषय, शहरीकरण, उनकी समस्याएँ और उनके रक्षोपाय ।
8भारतीय समाज पर भूमंडलीकरण का प्रभाव ।
9सामाजिक सशक्तीकरण, संप्रदायवाद, क्षेत्रवाद और धर्मनिरपेक्षता ।
10विश्व के भौतिक भूगोल की मुख्य विशेषताएँ ।
11विश्व भर के मुख्य प्राकृतिक संसाधनों का वितरण (दक्षिण एशिया और भारतीय उपमहाद्वीप को शामिल करते हुए), विश्व (भारत सहित) के विभिन्न भागों में प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्र के उद्योगों को स्थापित करने के लिये ज़िम्मेदार कारक।
12भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखीय हलचल, चक्रवात आदि जैसी महत्त्वपूर्ण भू-भौतिकीय घटनाएँ, भौगोलिक विशेषताएँ और उनके स्थान- अति महत्त्वपूर्ण भौगोलिक विशेषताओं (जल-स्रोत और हिमावरण सहित) और वनस्पति एवं प्राणिजगत में परिवर्तन और इस प्रकार के परिवर्तनों के प्रभाव।
सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-2: शासन व्यवस्था, संविधान, शासन प्रणाली, सामाजिक न्याय तथा अंतर्राष्ट्रीय संबंध (GS–2)
क्र. सं.विषय 
1.भारतीय संविधान- ऐतिहासिक आधार, विकास, विशेषताएँ, संशोधन, महत्त्वपूर्ण प्रावधान और बुनियादी संरचना।
2.संघ एवं राज्यों के कार्य तथा उत्तरदायित्व, संघीय ढाँचे से संबंधित विषय एवं चुनौतियाँ, स्थानीय स्तर पर शक्तियों और वित्त का हस्तांतरण और उसकी चुनौतियाँ।
3.विभिन्न घटकों के बीच शक्तियों का पृथक्करण, विवाद निवारण। तंत्र तथा संस्थान।
4.भारतीय संवैधानिक योजना की अन्य देशों के साथ तुलना ।
5.संसद और राज्य विधायिका संरचना, कार्य, कार्य-संचालन, शक्तियाँ एवं विशेषाधिकार और इनसे उत्पन्न होने वाले विषय ।
6.कार्यपालिका और न्यायपालिका की संरचना, संगठन और कार्य- सरकार के मंत्रालय एवं विभाग, प्रभावक समूह और औपचारिक/ अनौपचारिक संघ तथा शासन प्रणाली में उनकी भूमिका ।
7.जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की मुख्य विशेषताएँ । 
8.विभिन्न संवैधानिक पदों पर नियुक्ति और विभिन्न संवैधानिक निकायों की शक्तियाँ, कार्य और उत्तरदायित्व ।
9.सांविधिक, विनियामक और विभिन्न अर्द्ध-न्यायिक निकाय।
10.सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय।
11.विकास प्रक्रिया तथा विकास उद्योग- गैर-सरकारी संगठनों, स्वयं सहायता समूहों, विभिन्न समूहों और संघों, दानकर्त्ताओं, लोकोपकारी संस्थाओं, संस्थागत एवं अन्य पक्षों की भूमिका ।
12.केन्द्र एवं राज्यों द्वारा जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गों के लिये कल्याणकारी योजनाएँ और इन योजनाओं का कार्य-निष्पादन; इन अति संवेदनशील वर्गों की रक्षा एवं बेहतरी के लिये गठित तंत्र, विधि, संस्थान एवं निकाय ।
13.स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/ सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय ।
14.गरीबी एवं भूख से संबंधित विषय ।
15.शासन व्यवस्था, पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्त्वपूर्ण पक्ष, ई-गवर्नेस अनुप्रयोग, मॉडल, सफलताएँ, सीमाएँ और संभावनाएँ; नागरिक चार्टर, पारदर्शिता एवं जवाबदेही और संस्थागत तथा अन्य उपाय।
16.लोकतंत्र में सिविल सेवाओं की भूमिका।
17.भारत एवं इसके पड़ोसी – संबंध।
18.द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार ।
19.भारत के हितों पर विकसित तथा विकासशील देशों की नीतियो तथा राजनीति का प्रभाव; प्रवासी भारतीय ।
20.महत्त्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, संस्थाएँ और मंच- उनकी संरचना अधिदेश ।
सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3: प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, जैव विविधता, पर्यावरण, सुरक्षा तथा आपदा प्रबंधन (GS–3)
क्र. सं.विषय 
1.भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोजगार से संबंधित विषय ।
2.समावेशी विकास तथा इससे उत्पन्न विषय।
3.सरकारी बजट।
4.मुख्य फसलें- देश के विभिन्न भागों में फसलों का पैटर्न- सिंचाई के विभिन्न प्रकार एवं सिंचाई प्रणाली- कृषि उत्पाद का भंडारण, परिवहन तथा विपणन, संबंधित विषय और बाधाएँ; किसानों की सहायता के लिये ई-प्रौद्योगिकी |
5.प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कृषि सहायिकी तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित विषय; जन वितरण प्रणाली- उद्देश्य, कार्य, सीमाएँ, सुधार; बफर स्टॉक तथा खाद्य सुरक्षा संबंधी विषय; प्रौद्योगिकी मिशन; पशुपालन संबंधी अर्थशास्त्र ।
6.भारत में खाद्य प्रसंस्करण एवं संबंधित उद्योग – कार्यक्षेत्र एवं महत्त्व, स्थान, ऊपरी और नीचे की अपेक्षाएँ, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन।
7.भारत में भूमि सुधार ।
8.उदारीकरण का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव, औद्योगिक नीति में परिवर्तन तथा औद्योगिक विकास पर इनका प्रभाव।
9.बुनियादी ढाँचा: ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क, विमानपत्तन, रेलवे आदि।
10.निवेश मॉडल।
11.विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विकास एवं अनुप्रयोग और रोज़मर्रा के जीवन पर इसका प्रभाव।
12.विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियाँ; देशज रूप से प्रौद्योगिकी का विकास और नई प्रौद्योगिकी का विकास।
13.सूचना प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, कंप्यूटर, रोबोटिक्स, नैनो-टेक्नोलॉजी, बायो-टेक्नोलॉजी और बौद्धिक संपदा अधिकारों से संबंधित विषयों के संबंध में जागरूकता ।
14.संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरणीय प्रभाव आकलन।
15.आपदा और आपदा प्रबंधन।
16.विकास और फैलते उग्रवाद के बीच संबंध।
17.आंतरिक सुरक्षा के लिये चुनौती उत्पन्न करने वाले शासन विरोधी तत्त्वों की भूमिका ।
18.संचार नेटवर्क के माध्यम से आंतरिक सुरक्षा को चुनौती, आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों में मीडिया और सामाजिक नेटवर्किंग साइटों की भूमिका, साइबर सुरक्षा की बुनियादी बातें, धन-शोधन और इसे रोकना।
19.सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियाँ एवं उनका प्रबंधन- संगठित अपराध और आतंकवाद के बीच संबंध।
20.विभिन्न सुरक्षा बल और संस्थाएँ तथा उनके अधिदेश।
सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र – 4:नीतिशास्त्र, सत्यनिष्ठा और अभिरुचि (GS–4)
इस प्रश्नपत्र में ऐसे प्रश्न शामिल होंगे जो सार्वजनिक जीवन में उम्मीदवारों की सत्यनिष्ठा, ईमानदारी से संबंधित विषयों के प्रति उनकी अभिवृत्ति तथा उनके दृष्टिकोण तथा समाज से आचार-व्यवहार में विभिन्न मुद्दों तथा सामने आने वाली समस्याओं के समाधान को लेकर उनकी मनोवृत्ति का परीक्षण करेंगे। इन आयामों का निर्धारण करने के लिये प्रश्नपत्र में किसी मामले के अध्ययन (केस स्टडी) का माध्यम भी चुना जा सकता है। मुख्य रूप से निम्नलिखित क्षेत्रों को कवर किया जाएगा।
क्र. सं.विषय 
1.नीतिशास्त्र तथा मानवीय सह-संबंध : मानवीय क्रियाकलापों में नीतिशास्त्र का सार तत्त्व, इसके निर्धारक और परिणाम: नीतिशास्त्र के आयाम; निजी और सार्वजनिक संबंधों में नीतिशास्त्र, मानवीय मूल्य- महान नेताओं, सुधारकों और प्रशासकों के जीवन तथा उनके उपदेशों से शिक्षा: मूल्य विकसित करने में परिवार, समाज और शैक्षणिक संस्थाओं की भूमिका ।
2.अभिवृत्ति: सारांश (कंटेन्ट), संरचना, वृत्ति; विचार तथा आचरण के परिप्रेक्ष्य में इसका प्रभाव एवं संबंध; नैतिक और राजनीतिक अभिवृत्ति; सामाजिक प्रभाव और धारण ।
3.सिविल सेवा के लिये अभिरुचि तथा बुनियादी मूल्य- सत्यनिष्ठा, भेदभाव रहित तथा गैर-तरफदारी, निष्पक्षता, सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण भाव, कमजोर वर्गों के प्रति समानुभूति, सहिष्णुता तथा संवेदना ।
4.भावनात्मक समझः अवधारणाएँ तथा प्रशासन और शासन व्यवस्था में उनकी उपयोगिता और अनुप्रयोग।
5.भारत तथा विश्व के नैतिक विचारकों तथा दार्शनिकों के योगदान ।
6.लोक प्रशासन में लोक/सिविल सेवा मूल्य तथा नीतिशास्त्रः स्थिति तथा समस्याएँ; सरकारी तथा निजी संस्थानों में नैतिक चिंताएँ तथा दुविधाएँ; नैतिक मार्गदर्शन के स्रोतों के रूप में विधि, नियम, विनियम तथा अंतरात्मा; उत्तरदायित्व तथा नैतिक शासन, शासन व्यवस्था में नीतिपरक तथा नैतिक मूल्यों का सुदृढीकरण; अंतर्राष्ट्रीय संबंधों तथा निधि व्यवस्था (फंडिंग) में नैतिक मुद्दे; कॉरपोरेट शासन व्यवस्था।
7.शासन व्यवस्था में ईमानदारी: लोक सेवा की अवधारणा; शासन व्यवस्था और ईमानदारी का दार्शनिक आधार, सरकार में सूचना का आदान-प्रदान और पारदर्शिता, सूचना का अधिकार, नीतिपरक आचार संहिता, आचरण संहिता, नागरिक घोषणा पत्र, कार्य संस्कृति, सेवा प्रदान करने की गुणवत्ता, लोक निधि का उपयोग, भ्रष्टाचार की चुनौतियाँ।
8.उपर्युक्त विषयों पर मामला संबंधी अध्ययन (केस स्टडीज़)।

UPSC Syllabus 2024: मुख्य परीक्षा में सामान्य अध्ययन की भूमिका

 मुख्य परीक्षा के कुल 1750 अंकों में से 1000 अंक सामान्य अध्ययन के होते हैं, इसलिये यह कहना अतिशयोक्ति नहीं कि कुछ अपवादों को छोड़कर सभी उम्मीदवारों के मामले में सफलता का निर्धारण सामान्य अध्ययन में उनकी पकड़ तथा निष्पादन के आधार पर तय होता है। हाँ, साथ में यह तो महत्त्वपूर्ण है ही कि उम्मीदवार ने सही वैकल्पिक विषय चुना था या नहीं; और निबंध तथा साक्षात्कार के लिये समुचित तैयारी की थी या नहीं?

सार यह है कि मुख्य परीक्षा में सामान्य अध्ययन की केंद्रीय भूमिका है। वैकल्पिक विषय और निबंध की भूमिका भी महत्त्वपूर्ण है, किंतु इनमें अच्छे अंक लाकर सामान्य अध्ययन में हुई कमी की भरपाई कर लेना संभव नहीं है।

UPSC Syllabus 2024 : क्वालीफाइंग विषय (Qualifying Subject):–

हिंदी या संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल कोई भाषा

 भारतीय भाषाओं में से एक भाषा, जो संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल है, उसे पेपर ‘क’ के लिये उम्मीदवार द्वारा चयनित किया जाता है। यह प्रश्नपत्र अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड और सिक्किम के रहने वाले उम्मीदवारों के लिये अनिवार्य नहीं होगा।

 इस पेपर का पूर्णांक 300 है जिसमें क्वालीफाइंग अंक 75 (25%) निर्धारित किया गया है। प्रश्नों का पैटर्न मोटे तौर पर निम्नानुसार होगा-

 1. बोधगम्यता

2. संक्षिप्त लेखन

3. शब्द प्रयोग व शब्द भण्डार

4. लघु निबंध

 5. अंग्रेजी से भारतीय भाषा तथा भारतीय भाषा से अंग्रेजी में अनुवाद

अंग्रेजी भाषा-

 इस पेपर का पूर्णांक 300 है जिसमें क्वालीफाइंग अंक 75 (25%) निर्धारित किया गया है। प्रश्नों का पैटर्न मोटे तौर पर निम्नानुसार होगा-

1. Comprehension of given passages (बोधगम्यता)

2. Précis Writing (संक्षिप्त लेखन)

3. Usage and Vocabulary (शब्द प्रयोग व शब्द भण्डार)

 4. Short Essay (लघु निबंध)

नोट:

भारतीय भाषाओं और अंग्रेजी के प्रश्नपत्र (प्रश्नपत्र ‘क’ एवं प्रश्नपत्र ‘ख’) मैट्रिकुलेशन अथवा समकक्ष स्तर के होंगे जिनमें केवल अर्हता प्राप्त करनी होगी। इन प्रश्नपत्रों में प्राप्त अंकों को योग्यता क्रम निर्धारित करने में नहीं गिना जाएगा।

उम्मीदवारों को क्वालीफाइंग अंग्रेजी एवं एक भारतीय भाषा के प्रश्नपत्रों का उत्तर क्रमशः अंग्रेजी एवं संबंधित भारतीय भाषा में ही लिखना होता है (यदि किसी प्रश्न विशेष में अन्यथा निर्दिष्ट न हो) ।

● सभी उम्मीदवारों के निबंध, सामान्य अध्ययन तथा वैकल्पिक विषय के प्रश्नपत्रों का मूल्यांकन ‘भारतीय भाषा तथा अंग्रेजी के उन अर्हक प्रश्नपत्र के साथ ही किया जाएगा परंतु, निबंध, सामान्य अध्ययन तथा वैकल्पिक विषय के प्रश्नपत्रों पर केवल ऐसे उम्मीदवार के मामले में विचार किया जाएगा, जो इन अहंक प्रश्नपत्रों में न्यूनतम अर्हता मानकों के रूप में भारतीय भाषा में 25% तथा अंग्रेजी में 25% अंक प्राप्त करते हैं।

हिंदी माध्यम से जुड़ी समस्याएँ :-

     अगर आप हिंदी माध्यम से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो आपको सामान्य अध्ययन से जुड़ी उन समस्याओं की समझ होनी चाहिये जो विशेष रूप से आपके सामने आने वाली हैं। मूल समस्या यह है कि सामान्य अध्ययन (मुख्य परीक्षा) में हिंदी माध्यम के उम्मीदवार अंग्रेजी माध्यम की तुलना में कुछ नुकसान की स्थिति में रहते हैं।

अगर आप किसी भी वर्ष के परिणाम में अंग्रेजी और हिंदी माध्यम के उम्मीदवारों के सामान्य अध्ययन के अंकों की तुलना करेंगे तो पाएंगे कि हिंदी माध्यम के उम्मीदवार औसत रूप से 25-35 अंक पीछे रह जाते हैं। यही स्थिति दोनों माध्यमों के टॉपर्स के अंकों के बीच भी दिखाई देती है। इसका कारण यह नहीं है कि आयोग जानबूझकर हिंदी माध्यम के विरुद्ध कोई साजिश करता है। दरअसल यह नुकसान परीक्षा प्रणाली की आंतरिक प्रकृति के कारण होता है। इस नुकसान के कुछ विशेष कारण हैं, जैसे-

1. पहला कारण यह है कि अंग्रेजी में जिस स्तर की पाठ्य सामग्री मिलती है, ठीक वैसी हिंदी में नहीं मिल पाती। यह समस्या उन खंडों में ज्यादा विकराल है जिनमें रोज-रोज नई घटनाएँ घटती हैं और वे हिंदी अखबारों में या तो छपती नहीं, और छपती भी हैं तो बहुत कामचलाऊ ढंग से ऐसे खंडों में विज्ञान-प्रौद्योगिकी, अंतर्राष्ट्रीय मुद्दे तथा अर्थव्यवस्था प्रमुख हैं। गौरतलब है कि इन खंडों के लिये किताबों, पत्रिकाओं और ‘जर्नल्स’ में ही नहीं, इंटरनेट पर भी हिंदी में बराबर स्तर की पाठ्य सामग्री नहीं मिल पाती

2. दूसरा कारण यह है कि बहुत से परीक्षक अंग्रेज़ी में ज्यादा सहज होने (और हिंदी में कम सहज होने के कारण हिंदी के उम्मीदवारों की अभिव्यक्ति से पूरा तालमेल नहीं बिठा पाते। वे हिंदी माध्यम समझते तो हैं, पर हिंदी में की गई प्रभावपूर्ण अभिव्यक्तियों का मर्म ग्रहण नहीं कर पाते। यह समस्या उन खंडों में सघन रूप में दिखती है जिनमें पारिभाषिक या तकनीकी शब्दावली का ज़्यादा प्रयोग होता है और ऐसे शब्दों के हिंदी अनुवाद परीक्षकों के लिये दुर्बोध होते हैं। ऐसे खंडों में भूगोल, अर्थव्यवस्था, पर्यावरण और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी को प्रमुख तौर पर शामिल किया जा सकता है।

3. कभी-कभी प्रश्नपत्र में अनुवाद की गलती से भी ऐसा नुकसान हो जाता है। ध्यान रखना चाहिये कि मूल प्रश्नपत्र अंग्रेजी में बनाया जाता है और हिंदी में उसका अनुवाद किया जाता है। अगर अनुवादक किसी तकनीकी शब्द का अनुवाद पुस्तकों में प्रचलित अनुवाद से अलग रूप में कर दे या किसी मुहावरेदार अभिव्यक्ति को सटीक रूप में न समझ पाने के कारण अर्थ का अनर्थ कर दे तो उसकी गलती की सजा हिंदी माध्यम के उम्मीदवारों को भुगतनी पड़ती है

    इसके अलावा, यह भी नहीं भूलना चाहिये कि साक्षात्कार (Interview) में भी हिंदी माध्यम के उम्मीदवार कई बार नुकसान में रहते हैं।

आप इन सब बातों को ध्यान जरूर रखें

FAQ-

(Q) UPSC की तैयारी कैसे शुरू करें?|शुरुआत में कौन-सी पुस्तकें पढ़नी चाहियें?

Ans.- New Pattern की प्रकृति ऐसी है कि स्नातक स्तर के दौरान ही तैयारी शुरू कर देनी चाहिये, हालाँकि अगर किसी ने उस समय तैयारी नहीं की है तो भी घबराने की आवश्यकता नहीं है। आरंभिक स्तर पर एन.सी.ई.आर.टी. (NCERT)की पुस्तकों को पढ़ा जा सकता है लेकिन यह अनिवार्य नहीं है। अगर आपके पास प्रारंभिक परीक्षा के लिये कम समय बचा है तो उसमें यह व्यावहारिक रूप से उचित नहीं है कि आप कक्षा 6 से 12 तक की एन.सी.ई.आर.टी. को पढ़ें। यहाँ पर विशेष रूप से कहना चाहते हैं कि हम एन.सी.ई.आर. टी. के महत्त्व को खारिज नहीं कर रहे हैं। हम बस आपको यह बताना चाहते हैं कि कक्षा 6 से 12 तक की एन.सी.ई.आर.टी. को कम समय में तैयार करने के और भी वैकल्पिक तथा कारगर तरिके है। या to मेरे website ke notes use करें या youtube पर किसी का lecture को पढ़े और साथ में उसी विषय का किताब पढ़े advance label का। यह सभी हिंदी माध्यम वाले students के लिये उपयोगी है अभ्यास के लिये आप दृष्टि पब्लिकेशन्स द्वारा प्रकाशित प्रिलिम्स प्रैक्टिस सीरीज़ की 6 पुस्तकों व मेन्स कैप्सूल सीरीज़ की 5 पुस्तकों को पढ़ जाएँ। ध्यातव्य है कि प्रिलिम्स प्रैक्टिस सीरीज़ की आरंभिक पढ़ 5 कड़ियाँ विभिन्न विषयों यथा- राजव्यवस्था, इतिहास एवं कला-संस्कृति, भूगोल एवं पर्यावरण – पारिस्थितिकी, भारतीय अर्थव्यवस्था व विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के व्याख्या – सहित हल का संकलन हैं। साथ ही छठी कड़ी में बजट, आर्थिक सर्वेक्षण, भारत व करेंट अफेयर्स पर आधारित प्रश्नों के हल व्याख्या सहित संकलित किये गए हैं। इससे आपको अपनी प्रारंभिक परीक्षा की तैयारी परखने में सहायता होगी।

(Q) IAS कितने साल का कोर्स है?

Ans.- 2 years एक साल पढ़ाई और दूसरे साल PT और mains प्रैक्टिस (Hindi और english दोनों medium के लिये अगर 1st attempt में selection लेना हो )

(Q) सामान्य अध्ययन की तैयारी के लिये कौन-से अखबार तथा पत्रिकाएँ पढ़ना बेहतर होगा?

Ans.- सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी की दृष्टि से हिंदी में ‘दैनिक जागरण’ राष्ट्रीय संस्करण ठीक अखबार है। चाहें तो ‘जनसत्ता’ भी पढ़ सकते हैं, पर सरकार विरोधी राय को अपने ऊपर हावी न होने दें. संतुलित राय बनाने की कोशिश करें। अगर आपकी अंग्रेजी अच्छी है तो ‘द हिंदू’ के लेख पढ़ना अच्छा होगा पर अगर आप उन्हें न पढ़ पाते हों तो ज्यादा तनाव न लें।पत्रिकाओं में आप ‘दृष्टि करेंट या VISION IAS MONTHLY MAGAZINE पढ़ें। सिविल सेवा एवं विभिन्न राज्यों की पी.सी.एस. (प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा तथा साक्षात्कार) के सामान्य अध्ययन एवं निबंध प्रश्नपत्र के समसामयिक पक्ष के लिये यह एक संपूर्ण पत्रिका है।

(Q) UPSC के परीक्षा में समय-प्रबंधन सबसे बड़ी चुनौती बन जाता है। उसके लिये क्या किया जाना चाहिये?

Ans.- इसके लिये आप प्रारंभिक परीक्षा से पहले मॉक टेस्ट श्रृंखला में भाग लें और हर प्रश्नपत्र में परीक्षण करें कि किस वर्ग के प्रश्न कितने समय में हो पाते हैं। ज़्यादा समय लेने वाले प्रश्नों को पहले ही पहचान लेंगे तो परीक्षा में समय बर्बाद नहीं होगा। बार-बार अभ्यास करने से गति बढ़ाई जा सकती है।

IMPORTANT 👉👉NCERT NOTES IN HINDI

Leave a Reply