UPSC CSAT Syllabus In Hindi : यह Article UPSC Exam. की तैयारी कर रहे सभी Beginners Aspirants लिये बहुत लाभदायक होगा यह article upsc syllabus in hindi Medium और English Medium दोनों के लिये बनाया गया है। हर साल जो बच्चे UPSC CSAT Syllabus In Hindi को हलके में लेने के वज़ह से कितने Students fail हो जा रहे है CSAT में।
UPSC CSAT Syllabus In Hindi : सीसैट क्या है?( What is CSTA ? )
प्रारंभिक परीक्षा के सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-2 को ‘सीसैट’ (Civil Services Aptitude Test ) या ‘सिविल सेवा अभिरुचि परीक्षण’ (Civil Services Aptitude Test) कहा जाता है जिसे 2011 से परीक्षा प्रणाली में शामिल किया गया है।
दरअसल, ‘सीसैट’ की संकल्पना पहली बार वाई. के. अलघ समिति की रिपोर्ट में 2001 में प्रस्तावित की गई थी।
सिविल सेवा परीक्षा में सुधारों पर विचार करने के लिये गठित की गई इस समिति ने सुझाव दिया था कि प्रारंभिक परीक्षा में वैकल्पिक विषय के साथ ‘सीसैट’ की परीक्षा होनी चाहिये तथा सामान्य अध्ययन को सिर्फ मुख्य परीक्षा तक सीमित रखा जाना चाहिये।
2011 में संघ लोक सेवा आयोग ने इस सुझाव को कुछ बदलते हुए वैकल्पिक विषय को हटा दिया तथा सामान्य अध्ययन के पाठ्यक्रम के साथ CSAT Syllabus In Hindi के परीक्षा को प्रस्तावित किया।
सीसैट काफी हद तक किसी भी अन्य एप्टीट्यूड टेस्ट (Aptitude Test), जैसे- कैट (CAT), मैट (MAT), जीमैट (GMAT) के समान है और यह भी इन परीक्षाओं की तरह उम्मीदवार की बौद्धिक क्षमता की जाँच करता है; पर चूँकि हर क्षेत्र में बौद्धिक क्षमताओं के अलग-अलग समुच्चय या संयोजन की ज़रूरत होती है, इसलिये सीसैट में प्रश्नों की प्रकृति तथा अनुपात सिविल सेवाओं या प्रशासन की आवश्यकताओं के आधार पर निर्धारित किया गया है।
उदाहरण के तौर पर, इसमें शामिल गणित और अंग्रेज़ी के प्रश्न कैट (CAT) जैसी परीक्षाओं के स्तर से काफी आसान होते हैं क्योंकि प्रशासन चलाने की प्रक्रिया में प्रायः उस स्तर पर गणित व अंग्रेज़ी की आवश्यकता नहीं पड़ती।
इसी तरह, इसमें प्रशासन की समस्याओं से जुड़े निर्णयन व समस्या समाधान (Decision Making & Problem Solving) के कुछ प्रश्न होते हैं जो प्रबंधन (Management) की समस्याओं से अलग प्रकृति के होते हैं।
कुल मिलाकर, ‘सीसैट’ बौद्धिक स्तर/बुद्धिलब्धि (Intelligence Quotient) की एक परीक्षा है जो विशेष तौर पर सिविल सेवाओं के लिये आवश्यक बौद्धिक क्षमताओं का परीक्षण करने के उद्देश्य से प्रस्तावित की गई है।
UPSC CSAT Syllabus In Hindi : सीसैट की भूमिका (Role of CSAT)
जैसा कि आपको पता है कि प्रारंभिक परीक्षा में सीसैट प्रश्नपत्र क्वालीफाइंग पेपर के रूप में है। अतः किसी भी अभ्यर्थी को प्रारंभिक परीक्षा पास करने के लिये सीसैट प्रश्नपत्र में 33% अंक प्राप्त करने आवश्यक होते हैं। विदित है कि प्रारंभिक परीक्षा में सीसैट प्रश्नपत्र में 80 प्रश्न पूछे जाते हैं जिसमें प्रत्येक प्रश्न के लिये 2.5 अंक निर्धारित होते हैं और इस तरह सीसैट प्रश्नपत्र कुल 200 अंकों का होता है।
किसी भी अभ्यर्थी को सीसैट प्रश्नपत्र के 200 अंकों में से 66 अंक प्राप्त करने अनिवार्य होते हैं यानी उसे ऋणात्मक अंकन (Negative Marking) के लिये काटे गए अंकों के बाद 66 अंक प्राप्त करने होते हैं। इसके लिये उसे सीसैट प्रश्नपत्र में पूछे जाने वाले 80 प्रश्नों में से लगभग 27 प्रश्न ( ऋणात्मक अंकन द्वारा काटे गए प्रश्नों के बाद) सही करने होते हैं।
यदि कोई अभ्यर्थी सीसैट प्रश्नपत्र में 33% अंक प्राप्त नहीं कर पाता है, तो उसे अनुत्तीर्ण माना जाएगा फिर चाहे उसने सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-1 में कितना भी अच्छा प्रदर्शन क्यों न किया हो।
क्र. सं. | खंड |
1. | बोधगम्यता(Comprehension) |
2. | संचार कौशल सहित अंतर्वैयक्तिक कौशल(Interpersonal Skills including Communication (Skills) |
3. | तार्किक कौशल एवं विश्लेषणात्मक क्षमता(Logical Reasoning and Analytical Ability) |
4. | निर्णय लेना और समस्या समाधान(Decision-making and Problem-solving) |
5. | सामान्य मानसिक योग्यता(General Mental Ability) |
6. | आधारभूत संख्ययन (संख्याएँ और उनके संबंध, विस्तार-क्रम आदि) (दसवीं कक्षा का स्तर); आँकड़ों का निर्वचन (चार्ट, ग्राफ, तालिका, आँकड़ों की पर्याप्तता आदि- दसवीं कक्षा का स्तर)[ Basic Numeracy (Numbers and their Relations, Orders of Magnitude, etc.) (Class X Level), Data | Interpretation (Charts, Graphs, Tables, Data | Sufficiency etc. (Class X level) |
UPSC CSAT Syllabus In Hindi : Topic Wise
1. बोधगम्यता(Comprehension)
2. अंतर्वैयक्तिक कौशल तथा संचार (Interpersonal Skills including Communication (Skills)
3.तार्किक कौशल एवं विश्लेषणात्मक क्षमता (Logical Reasoning and Analytical Ability)
1. सादृश्यता / समरूपता(Analogy / Similarity) | 9. घड़ी तथा कैलेंडर(Clock and Calendar) |
2. कोडिंग – डिकोडिंग(Coding – decoding) | 10. तार्किक पहेलियाँ(Logical puzzles) |
3. दिशा परीक्षण(Direction Test) | 11. घन घनाभ तथा पासा(Cube, Cuboid and Dice) |
4. तार्किक वेन आरेख(Logical Venn Diagram) | 12. कागज काटना एवं कागज मोड़ना(Paper Cutting and Paper Folding) |
5. क्रम व्यवस्था(Serial Order) | 13. चित्र समस्याएँ(Picture problems) |
6. रक्त संबंध(Blood Relations) | 14. चित्र को पूर्ण करना(Completing the picture) |
7. न्याय निगमन(Justice Corporation) | 15. दर्पण एवं जल प्रतिबिंब(Mirror and water reflection) |
8. विश्लेषणात्मक तर्कशक्ति(Analytical Reasoning) | 16. संख्या समस्याएँ(Number problems) |
4. निर्णय लेना और समस्या समाधान (decision making and problem solving)
5. सामान्य मानसिक योग्यता (General Mental Ability)
6. आधारभूत संख्यनन (Basic Computing)
1. संख्या पद्धतिNumber system | 12. बीजगणितAlgebra |
2. घातांक, करणी एवं सरलीकरण (Exponents, Operations and Simplifications) | 13. श्रेणियाँ(Categories) |
3. महत्तम समापवर्तक एवं लघुत्तम समापवर्त्य(L.C.M. and H.C.F.) | 14. क्रमचय एवं संचय(Permutation and Accumulation) |
4. औसत(Average) | 15. प्रायिकता(Probability) |
5. प्रतिशतता(Percentage) | 16. समुच्चय सिद्धांत(Aggregation theory) |
6.लाभ और हानि(Profit and Loss) | 17. आधारभूत ज्यामिति(Basic Geometry) |
7. अनुपात -समानुपात एवं साझेदारी(Ratio -Ratio and Partnership) | 18. क्षेत्रमिति(Field Metrics) |
8. मिश्रण(Mixture) | 19. त्रिकोणमिति(Trigonometry) |
9. साधारण एवं चक्रवृद्धि ब्याज(Simple and compound interest) | 20. ऊँचाई तथा दूरी(Elevation and distance) |
10. समय तथा कार्य(Time and work) | 21. निर्देशांक ज्यामिति(Coordinate Geometry) |
11. समय, दूरी और चाल.(Time, distance and move) | 22. सांख्यिकी(Statistics) |
7. आँकड़ों का निर्वचन (Interpretation of data)
1. आँकड़ों का निर्वचन(Interpretation of data) |
2. आँकड़ों का ग्राफीय निरूपण(Graphical representation of data) |
3. आँकड़ों की पर्याप्तता(Sufficiency of data) |
UPSC CSAT Syllabus In Hindi : विभिन्न खंडो का अनुपाततिक महत्व (Proportion Importance of Different Segments)
‘सीसैट’ (CSAT) के पाठ्यक्रम में वर्णित विभिन्न खंडों से बराबर प्रश्न नहीं पूछे जाते। इसके प्रश्नों की प्रकृति भी शेष प्रतियोगी परीक्षाओं से काफी अलग होती है। इसके संबंध में निम्नलिखित बिंदुओं को रेखांकित किया जा सकता है–
1. ‘सीसैट’ में सबसे ज़्यादा प्रश्न ‘बोधगम्यता’ (Comprehension) से पूछे जाने की प्रवृत्ति है। कुल 80 प्रश्नों में से इस खंड के प्रश्नों की संख्या प्रायः 30-35 तक होती है। आमतौर पर लगभग 100-150 शब्दों वाले परिच्छेदों से 1 प्रश्न और 150-200 शब्दों वाले परिच्छेदों से 2 प्रश्न पूछे जाते हैं। दो घंटों की परीक्षा-अवधि में उम्मीदवार को कुल 25-30 परिच्छेद पढ़ने होते हैं जो कि एक जटिल और थकाऊ काम है।
ध्यान रखें कि परिच्छेद दोनों भाषाओं में दिये जाते हैं, इनमें आमतौर पर भाषा जटिल होती है और प्रश्नों का सटीक उत्तर खोजने में गलती होने की प्रबल संभावना रहती है। इन परिच्छेदों का मूल पाठ अंग्रेजी में तथा उसका अनुवाद हिंदी में होने के कारण हिंदी-भाषी उम्मीदवारों को यह समस्या भी झेलनी पड़ती है कि कहीं अनुवाद में कोई गलती या अर्थ-भिन्नता न हो।
2. महत्त्व की दृष्टि से दूसरे क्रम पर ‘तर्कशक्ति’ (Reasoning). (पाठ्यक्रम के खंड 3 तथा 5) को रखा जा सकता है। इसके प्रश्न प्रायः बैंक या अन्य परीक्षाओं की तरह ‘फॉर्मूला’ आधारित न होकर कुछ खास पेंच लिये हुए होते हैं और उम्मीदवार से तीव्र दिमागी प्रतिक्रिया की उम्मीद करते हैं।
आमतौर पर विश्लेषणात्मक तर्कशक्ति (Analytical Reasoning) से ज़्यादा प्रश्न पूछे जाते हैं, जैसे- पूर्वमान्यताओं (Assumptions) को पहचानना, कथनों से निष्कर्ष निकालना इत्यादि। गैर-भाषिक तर्कशक्ति (Non-verbal Reasoning) से अधिक प्रश्न पूछे जाने की प्रवृत्ति नहीं है। जहाँ तक तैयारी का सवाल है, इसी परीक्षा तथा अन्य परीक्षाओं के पुराने प्रश्नपत्रों के निरंतर अभ्यास से तर्कशक्ति की क्षमता बढ़ाई जा सकती है।
3. तीसरे स्थान पर ‘गणित’ या ‘आधारभूत संख्ययन’ (Basic Numeracy) तथा ‘आँकड़ों की व्याख्या तथा पर्याप्तता’ (Data Interpretation & Data Sufficiency) के खंडों (पाठ्यक्रम के खंड 6 ) को रखा जा सकता है। इसके अंतर्गत गणित के 10वीं कक्षा के स्तर तक के प्रश्न पूछे जाते हैं। ज़्यादा अनुपात अंकगणित के व्यावहारिक प्रश्नों का होता है, हालाँकि सीमित रूप से रेखागणित के प्रश्न भी पूछे जाते हैं।
‘आँकड़ों की व्याख्या’ (Data Interpretation) के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के रेखाचित्रों, सारणियों या अन्य आरेखों के आधार पर निष्कर्ष निकालने से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। इस खंड से आने वाले प्रश्नों की संख्या कभी अधिक हो जाती है और कभी कम। 2011 और 2013 में यह संख्या अधिक रही है जबकि 2012 में बहुत कम। निश्चित तौर पर यह नहीं बताया जा सकता कि इस खंड से कितने प्रश्न पूछे जाएंगे? यह ज़रूर है कि प्रश्न ऐसे पूछे जाते हैं जो सिर्फ फॉर्मूले से होने की बजाय मानसिक सावधानी की अपेक्षा रखते हों।
4. इसके बाद, ‘निर्णयन’ (Decision Making) तथा ‘अंतर्वैयक्तिक कौशल’ (Interpersonal Skills) के खंडों (पाठ्यक्रम के खंड 4 तथा 2) को रखा जा सकता है। इन खंडों से कुल मिलाकर 6-8 प्रश्नों की संभावना रहती है। खास बात यह है कि इन प्रश्नों में ऋणात्मक अंकन (Negative Marking) की व्यवस्था लागू नहीं होती अर्थात् चारों में से कोई भी विकल्प चुनने पर उम्मीदवार के अंक काटे नहीं जाते।
साथ ही, इनमें ‘भेदात्मक अंकन’ (Differential Marking) की व्यवस्था लागू है। इसका अर्थ है कि इनमें एक ही उत्तर को ठीक मानने की बाध्यता नहीं होती बल्कि एक से अधिक उत्तरों को भी ‘ज़्यादा ठीक’ और ‘कम ठीक’ माना जा सकता है। हो सकता है कि ‘ज़्यादा ठीक’ उत्तर के लिये 2.5 अंक दिये जाएँ जबकि ‘कम ठीक’ उत्तर के लिये 1.5 अंक ।
ऋणात्मक अंकन न होने तथा ‘भेदात्मक अंकन’ (Differential Marking) होने के कारण परीक्षा में इस खंड के प्रश्नों को बिल्कुल नहीं छोड़ना चाहिये। खुद को प्रशासनिक अधिकारी समझते हुए सामान्य बुद्धि (Common Sense) से इनका उत्तर दिया जाए तो इनके ठीक हो जाने की संभावना बनती है, पर बेहतर है कि ऐसे प्रश्नों का समुचित अभ्यास भी कर लिया जाए।
2014 में अंग्रेज़ी बोधगम्यता से संबंधित प्रश्नों की गणना नहीं की गई थी अर्थात् कट ऑफ अंक के लिये केवल 74 प्रश्नों का ही मूल्यांकन किया गया था। 2015 से अंग्रेजी बोधगम्यता के प्रश्नों को ही हटा दिया गया है।
UPSC CSAT QUESTION PAPER
General Studies Paper 2 (CSAT)Questions | General Studies Paper 2 (CSAT)Answer key |
2023 | Answer key |
2022 | Answer key |
2021 | Answer key |
2020 | Answer key |
2019 | Answer key |
2018 | Answer key |
2017 | Answer key |
2016 | Answer key |
2015 | Answer key |
2014 | Answer key |
2013 | Answer key |
2012 | Answer key |
2011 | Answer key |
UPSC NCERT SHORST NOTES
HISTORY NCERT NOTES 6th to 12th |
GEOGRAPHY NCERT NOTES 6th to 12th |
POLITY NCERT NOTES 6th to 12th |
Economic NCERT NOTES 6th to 12th |
SCIENCE NCERT NOTES 6th to 10th |
FAQ-
(Q) CSAT का फुल फॉर्म क्या है?
Ans.- Civil Services Aptitude Test
(Q) सीसैट में कौन कौन से सब्जेक्ट आते हैं?
Ans.- बोधगम्यता, अंतर्वैयक्तिक कौशल तथा संचार,तार्किक कौशल एवं विश्लेषणात्मक क्षमता,निर्णय लेना और समस्या समाधान, सामान्य मानसिक योग्यता,आधारभूत संख्यनन
(Q) मैं शुरू से ही गणित में कमज़ोर हूँ। क्या मैं सीसैट में सफल हो सकता हूँ?
Ans.- yes ,आप ज़रूर सफल हो सकते हैं। सीसैट के 80 प्रश्नों में गणित के प्रश्न अधिकतम 15 के आसपास होते हैं और इनमें भी 4-5 आँकड़ों की व्याख्या और पर्याप्तता के होते हैं। अगर आप गणित से पूरी तरह दूर रहना चाहते हैं तो बाकी प्रश्नों पर गंभीरता से मेहनत करें। हो सके तो गणित में कुछ ऐसे टॉपिक तैयार कर लीजिये जो आपको समझ में आते हैं और जिनसे प्रायः सवाल भी पूछे जाते हैं। उदाहरण के लिये, अगर आप प्रतिशतता और अनुपात जैसे टॉपिक तैयार कर लेंगे तो गणित के साथ-साथ ‘आँकड़ों की व्याख्या’ वाले खंड में भी आपके कई प्रश्न ठीक हो जाएँगे। इस तरह अगर आप गणित के 15 में से 3-4 सवाल भी हल कर लेंगे तो आप ‘क्वालिफाइंग’ के स्तर को छू सकते हैं।
(Q)परीक्षा में समय-प्रबंधन सबसे बड़ी चुनौती बन – जाता है। उसके लिये क्या किया जाना चाहिये ?
परीक्षा से पहले मॉक टेस्ट में भाग लें और हर प्रश्नपत्र में परीक्षण करें कि किस वर्ग के प्रश्न कितने समय में हल हो पाते हैं। ज़्यादा समय लेने वाले प्रश्नों को पहले ही पहचान लेंगे तो परीक्षा में समय बर्बाद नहीं होगा। बार-बार अभ्यास करने से गति बढ़ाई जा सकती है।
(Q) मुझसे बोधगम्यता (Comprehension) के प्रश्नों बहुत सी गलतियाँ हो जाती हैं। इस खंड में अपना स्तर सुधारने के लिये मुझे क्या करना चाहिये?
Ans.- बोधगम्यता के प्रश्नों को आसान समझकर कई उम्मीदवार लापरवाही करते हैं जो अंत में घातक सिद्ध होती है। बेहतर यही है कि उम्मीदवार नियमित तौर पर इस खंड का अभ्यास करते रहें, इसे आसान समझकर हल्के में न लें। संभव हो तो अभ्यास ऐसी पुस्तकों से करना चाहिये जिनमें अनुच्छेद दोनों भाषाओं में आमने-सामने दिये गए हों। हिंदी माध्यम के उम्मीदवारों को यह आदत भी डालनी चाहिये कि जहाँ कहीं हिंदी पाठ में कोई उलझन या तकनीकी शब्द हो, वहाँ वे अंग्रेज़ी पाठ को देखकर जाँच लें कि वे सही अर्थ समझ रहे हैं या नहीं? बोधगम्यता में अपना स्तर सुधारने के लिये एक अच्छा उपाय यह भी हो सकता है कि आप रोज़ अख़बार का कोई लेख पढ़कर अपने शब्दों में उसका सार लिखें। इससे भाषा पर आपकी पकड़ मज़बूत होगी जिससे न सिर्फ बोधगम्यता में आपका स्तर सुधरेगा बल्कि मुख्य परीक्षा के लिये लेखन शैली का भी विकास होगा।
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