UPSC NCERT Class 10th Polity Notes Hindi

 

कक्षा –X : लोकतान्त्रिक राजनितिक –II

इकाई –I
1.सत्ता की साझेदारी
2.संघवाद 
इकाई –II
3.लोकतंत्र और विविधता
4.जति, धर्म और लैंगिक मसले 
इकाई –III
5.जन –संघर्ष और आंदोलन
6.राजनितिक दल 
इकाई –IV
7.लोकतंत्र के परिणाम
8.लोकतंत्र की चुनौतियाँ 

Table of Contents

1.सत्ता की साझेदारी

> केंद्र, राज्य एवं स्थानीय स्तर की सरकारों के रूप में सत्ता का बँटवारा क्षैतिज न होकर उर्ध्वाधार प्रकृति का होता है।

> कार्यपालिका, विधायिका एवं न्यायपालिका एक ही स्तर पर रहकर अपनी–अपनी शक्ति का प्रयोग करते हैं तथा नियंत्रण एवं संतुलन की व्यवस्था की पूर्ति करते हैं।

2.संघवाद 

संघवाद किसे कहते हैं?

संघवाद सरकार की एक प्रणाली है जिसमें सत्ता केंद्रीय प्राधिकरण और देश की विभिन्न घटक इकाई के बीच विभाजित होती है।

संघीय व्यवस्था की महत्वपूर्ण विशेषताएं है।

  • दो या अधिक स्तरो वाली सरकार
  • कानून बनाने, कर वसूल ने और तो शासन का अपना–अपना अधिकार क्षेत्र 
  • संविधान द्वारा सरकार के हर स्तर के अस्तित्व  और प्राधिकार की गारंटी और सुरक्षा

नोट: राज्य की सरकार का केंद्रीय सरकार के प्रति जवाबदेह होना संघीय व्यवस्था नहीं बल्कि एकात्मक व्यवस्था की विशेषता है।

(Q)भारतीय संघीय व्यवस्था के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कोन –सा/से सही नहीं है/है?

  1. प्रतिरक्षा, बैकिंग, संचार– संघ सूची के विषय हैं।
  2. शिक्षा,वन, विवाह– राज्य सूची के विषय है।
  3. व्यापार, वाणिज्य, सिंचाई समवर्ती सूची के विषय है।

कूट : 

  1. केवल 1
  2. केवल 2
  3. केवल 2 और 3
  4. केवल 1और 3

Ans.— c

संघ  सूची के विषयप्रतीरक्षा, बैंकिंग, संचार
समवर्ती सूची के विषय शिक्षा,वन , विवाह 
राज्य सूची के विषय व्यापार, वाणिज्य सिंचाई 

> केंद्र और राज्य सरकारों के बीच सत्ता के बॅटवारे की व्यवस्था में बदलाव के लिए आवश्यक है–

  • संसद के दोनों सदन में विशेष बहुमत एवं आधे से अधिक राज्यों की मंजूरी
  • भारतीय संविधान के अनुछेद– 368(2) के अनुसार।

> 73वे एवं 74वे संविधान संशोधन द्वारा प्रदत्त व्यवस्था के अनुसार–

  • स्थानीय स्वशासी निकायों की सत्ता में भागीदारी की प्रकृति एवं मात्रा का निर्धारण राज्य के विधानमंडल के आधीन है, फलत: यह भिन्न–भिन्न हो सकता।
Class 10th Polity NCERT By Lalit Yadav

(इकाई –II)

3.लोकतंत्र और विविधता

इस chapter में कुछ Notes करने लायका नहीं हैं।

4. जाति, धर्म और लैंगिक मसले 

> जनगणना –2001 की तुलना में जनगणना– 2011 में लिंगानुपात में वृद्धि दर्ज की गई है, जो 933 से बढ़कर 943 हो गई।

> जनगणना –2001 की तुलना में जनगणना –2011 में शिशु लिंगानुपात ( 0–6 वर्ष की आयु) में कमी दर्ज की गई है, जो 927 से घटकर 919 हो गई।

>लिंग अनुपात की गणना प्रति एक हजार (1000) पुरुषों पर स्त्रियों की संख्या के आधार पर की जाती है।

> पंचायती राज और नगरपालिका में महिलाओं के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है।

> लोकसभा और राज्य विधानसभा में महिलाओं के लिए स्थानों का आरक्षण नहीं किया गया है।

> लोकसभा और राज विधानसभा में महिलाओं के लिए स्थानों के आरक्षण की मांग उठाई गई और इसके लिए 108वाँ संविधान संशोधन विधेयक 2008 प्रस्तुत किया गया। इस विधेयक को राज्यसभा ने 9 मार्च, 2010 को विधेयक पारित कर दिया , किंतु यह लोकसभा में पारित नहीं हो पाया। 15वीं लोकसभा का 2014 में विघटन हो गया , जिसके परिणामस्वरूप यह विधेयक समाप्त हो गया।

> पंचायतों एवं नगरपालिकाओं में महिलाओं के लिए न्यूनतम 33% आरक्षण का प्रावधान किया गया है, जिसे राज्य विधानमंडल चाहे तो 50% तक बढ़ा सकती है। 

भारत के संविधान में:–

> भारत के संविधान में किसी भी धर्म को विशेष दर्जा प्रदान नहीं किया गया है। सभी नागरिकों एवं समुदायों को किसी भी धर्म के आधार पर किए जाने वाले किसी भी भेदभाव को अवैधानिक घोषित किया गया है। भारत का संविधान धार्मिक समुदायों में समानता सुनिश्चित करने के लिए शासन को धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करने का अधिकार देता है।

> भारत में विभिन्न धार्मिक समुदायों के लोग निवास करते हैं। उनके जनसंख्या अनुपात का  क्रम  हैं।

 ईसाई >सीख >बौद्ध >जैन

जनगणना – 2011 के अनुसार भारत में विभिन्न धार्मिक समुदायों का अनुपात निम्नानुसार है:
हिंदू – 79.8%
 मुस्लिम – 14.2%
ईसाई – 2.3%
सिख – 1.7%
अन्य – 2%
(बौद्ध – 0.7% ,
जैन – 0.4%,
अन्य धर्म – 0.7%
तथा कोई धर्म नही – 0.2%)

महात्मा गाँधी के अनुसार धर्म और राजनीती के सम्बन्ध

में :—

> धर्म को राजनीती से अलग नहीं किया जा सकता है, धर्म राजनीती के लिए अनिवार्य है।

> राजनीती के लिए धर्म की अनिवार्यता के संदर्भ में महात्मा गाँधी का धर्म से अभिप्राय हिन्दू या इस्लाम जैसे धर्म से न होकर नैतिक मूल्यों से था, जो सभी धर्मों से जुड़े हैं। उनका मानना था की राजनीती धर्म द्वारा स्थापित मूल्यों से निर्देशित होनी चाहिये।

इकाई –III

5. जन– संघर्ष और आंदोलन 

फेदेकोर(FEDECOR) का सम्बन्ध हैं: –

> पर्यावरण आंदोलन से, जातिगत आंदोलन से, पानी के निजीकरण के विरूद्ध आन्दोलन से।

> फेडेकोर दक्षिण अमेरिकी देश बोलिविया का एक संगठन है, जिसका उद्देश्य सर्व–सामान्य हितों की रक्षा करना रहा है। फेडेकोर ने बोलिविया में पानी के निजीकरण के विरुद्ध आंदोलन का नेतृत्व किया था क्योंकि वहाँ की सरकार ने कोचबम्बा शहर में जलापूर्ति का अधिकार एक बहुराष्ट्रीय कंपनी को दे दिया था। इस संगठन में इंजीनियार, पर्यावरणविद एवं स्थानिय लोग शामिल थे।

‘नर्मदा बचाओ आंदोलन’एवं ‘ग्रीन–बेल्ट आन्दोलन ‘ का सम्बन्ध पर्यावरण आंदोलन से है।

> ग्रीन– बेल्ट आंदोलन की नेता वंगारी माथाई को वर्ष 2004 में शांति का नोबल पुरस्कार दिया गया।

> बामसेफ (BAMCEF) संगठन का संबंध जातिगत भेदभाव के विरुद्ध आंदोलन स्वागत रहा है। यह मुख्यतः सरकारी कर्मचारियों का संगठन है।

> लोकतंत्र की स्थापना हेतु आंदोलन में ‘सेवन पार्टी अलायांश (‘सप्तदलिये गठबंधन ) का संबंध नेपाल से हैं।

> 2005 में तत्कालीन राजा ज्ञानेंद्र द्वारा निर्वाचित सरकार को भंग कर दिये जाने की प्रतिक्रियास्वरूप अप्रैल 2006 में संसद के सभी बड़े राजनीतीक दलों द्वारा सेवन पार्टी अलायन्स (सप्तदलीय गठबंधन ) बनाया गया एवं बंद  का आहान किया गया। अंततः 24 अप्रैल, 2006 को राजा द्वारा मांगो के मानने के बाद इसी गठबंधन द्वारा अंतरिम सरकार का गठन किया गया एवं गिरिजा प्रसाद कोईराला को अंतरिम सरकार का प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया।

दबाव समूह के सन्दर्भ में :–

> बतौर संगठन, सरकार की नीतियों को प्रभावित करने की कोशिश करते हैं।

> आमतौर पर दबाव समूह सत्ता पर प्रत्यक्ष नियंत्रण अथवा उसमे हिस्सेदारी नहीं करते हैं।

6. राजनीतीक दल 

राजनितिक दलों के विषय में :–

  • राजनितिक दल चुनाव में भाग लेते हैं।
  • ये जनमत निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।
  • ये सरकार की नितियों एवं कार्यकर्मों को जनता के समक्ष रखते हैं।

> राजनितिक दलों का उद्देश्य सामन्य– हित में कार्य करना होता हैं, जबकि दबाव समूह के केवल अपने सदस्यों के हित में कार्य करते हैं।

राजनितिक दलों के कार्य निम्नलिखित हैं :–

  • चुनाव लड़ना।
  • सरकार बनाना या विपक्ष में बैठना।
  • नीति एवं कानून निर्माण में भाग लेना।
  • जनता को प्रशिक्षित करना।
  • सरकार की नितियों एवं कार्यक्रमो को जनता के समक्ष रखना।
  • सरकार एवं जनता के बिच सेतु का कार्य करना आदि।

> वर्तमान में भारत में मान्यता प्राप्त 8 राष्ट्रीय दल है।

  1. ऑल इंडिया तृणमूल काँग्रेस
  2. बहुजन समजा पार्टी
  3. भारतीय काम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी )
  4. भारतीय जनता पार्टी
  5. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी
  6. भारतीय काम्युनिस्ट पार्टी
  7. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
  8. नेशनल पीपुल्स पार्टी

 राष्ट्रीय पार्टी के रूप में मान्यता पाने के लिए शर्ते :–

> एक मान्यता प्राप्त पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा तभी प्रदान किया जा सकता है यदि वह निम्नलिखित तीन में से किसी एक शर्त को पूरा करती है –

  1. यदि कोई पार्टी कम से कम 3 विभिन्न राज्यों को मिलाकर लोकसभा की 2% सीटे जीतती है, या
  2. यदि कोई पार्टी 4 लोकसभा सीटों के अलावा लोकसभा या विधानसभा चुनाव में चार राज्यों में 6% वोट प्राप्त करती है, या
  3. यदि कोई पार्टी चार या चार से अधिक राज्यों में क्षेत्रीय पार्टी के रूप में मान्यता रखती है।

> एक पार्टी को राज्य स्तरीय दल (state party ) का दर्जा तभी प्रदान किया जा सकता है यदि वह निम्नलिखित शर्तो में से कम से कम चार शर्तो को पूरा करती है –

  1. यदि कोई पार्टी राज्य विधानसभा शर्तो में से कम से कम 3% सीट या कम से कम 3 सीटें, जो भी ज्यादा हो, प्राप्त करती है, या
  2. यदि कोई पार्टी लोकसभा के लिए उस राज्य के लिए आवंटित प्रत्येक 25 सीटों या उस संख्या की किसी भिन्न के पीछे कम से कम 1 सीट प्राप्त करती है, या
  3. यदि कोई पार्टी लोकसभा या राज्य विधानसभा के चुनाव में कुल वैध मतों में से कम से कम 6% मत प्राप्त करती है और साथ ही कम से कम 1 लोकसभा सीट या 2 विधानसभा सीट जितती है,या
  4.  एक अन्य मापदंड के अनुसार यदि कोई पार्टी लोकसभा या राज्य विधानसभा के आम चुनाव में किसी राज्य में एक भी सीट जितने में विफल रहती है लेकिन वह उस राज्य में डाले गए कुल वैध मतों में से 8% मत प्राप्त करती है, तो उस राज्य में उस पार्टी को क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा दिया जा सकता है।

(Q) राजनितिक दलों के स्तर पर सुधार के लिए निम्नलिखित में से कौन– से प्रवधान नहीं किये गए है?

  1. दल– बदल विरोधी कानून।
  2. पैसे और अपराधियों के प्रभाव को कम करने के लिये उम्मीदवार द्वारा संपत्ति एवं आपराधिक मामलों के ब्यौरा संबधि शपथ पत्र की अनिवार्यता।
  3. सरकार दलों को चुनाव लड़ने के लिये धन देगी।
  4. राजनितिक दलों में प्रमुख पदों पर महिलाओ के आरक्षण की अनिवार्यता।

कूट :

  1. केवल 1 और 2
  2. केवल 3 और 4
  3.  1,2 और 3
  4. 1,2,3 और 4

Ans.— (b)

व्याख्या :

> दल –बदल विरोधी कानून भारतीय संविधान की 10वी अनुसूचित के रूप में संविधान के 52वे संशोधन के द्वारा जोड़ा गया है। इसे 1985 में पारित किया गया था, जिसे 91वे संविधान संशोधन अधिनियम, 2003 के तहत पूनर्सशोधित किया गया है।
> उच्चतम न्यायालय द्वारा 2011 में दिये गए एक आदेश के तहत चुनाव वाले हर उम्मीदवार को अपनी सम्पति का और अपने खिलाफ चल रहे आपराधिक मामलों का ब्यौरा एक शपथ पत्र के माध्यम से दोनों अनिवार्य कर दिया गया है।
> यधपी कथन 3 और 4 के संबंध में कुछ सिफारिशें की गई है, तथापि इस और अभी तक कोई औपचारिक कदम नहीं उठाया गया है।

इकाई –IV

7. लोकतंत्र के परिणाम

लोकतान्त्रिक व्यवस्था के विषय में :–

> लोकतान्त्रिक व्यवस्था को राजनितिक गैर– बराबरी के विचार को समाप्त करने में सफलता प्राप्त हुई है। लोकतान्त्रिक व्यवस्था राजनितिक समानता पर आधारित होता है क्योंकि प्रतिनिधियों के चुनाव में प्रत्येक व्यक्ति का भार बराबर होता है। लोगो के बिच टकराव लोकतान्त्रिक व्यवस्था के लिये आज भी चुनौतियाँ बानी हुई है।

> लोकतंत्र में बहुमत के शासन को स्वीकार किया जाता है, किंतु बहुमत को सदैव अल्पमत का धयान रखना पड़ता है। अतः लोकतंत्र का अर्थ केवल बहुसंख्यकों का शासन नहीं होता है। लोकतंत्र तभी लोकतंत्र रहता है, जब तक प्रत्येक नागरिक कों किसी –न –किसी अवसर पर बहुमत का हिस्सा बनने का अवसर मिलता है।

> लोकतंत्र में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव, प्रमुख नितियों एवं कानूनों पर खुली सार्वजनिक चर्चाएं, व्यक्ति की गरिमा एवं विधि के समक्ष समानता आदि बातें पाई जाती हैं।

FAQ-

(Q) भारतीय संविधान की संरचना किस प्रकार की है ?

Ans.- एकात्मक

(Q) भारत का संविधान अपना प्राधिकार किससे प्राप्त करता है ?

Ans.- भारत की जनता से

(Q) भारतीय संविधान में कितनी सूचियाँ (List) हैं ?

Ans.- 2

(Q) भारत में सचिव का पद किसके द्वारा निर्मित किया गया था ?

Ans.- भारत सरकार अधिनियम, 1858

(Q)  किस अधिनियम की प्रमुख विशेषता प्रांतीय स्वायत्तता थी ?

Ans.- 1935

Important 👉👉 UPSC SYLLABUS IN HINDI

CLASS 11TH POLITY NOTES IN HINDI

Class 11th (II) Polity Ncert Notes in Hindi

Leave a Reply