यहाँ रामशरण शर्मा की पुस्तक “प्राचीन भारत का इतिहास” के कुछ प्रमुख बिंदु दिए गए हैं, जो UPSC और अन्य परीक्षाओं के लिए सहायक हो सकते हैं:
1. प्रागैतिहासिक काल (Prehistoric Period):
- पुरापाषाण काल (Paleolithic Age): इस युग में मनुष्य पत्थरों के औजारों का प्रयोग करता था। ये शिकारी और संग्रहकर्ता थे। मनुष्य छोटी-छोटी जनजातियों में रहते थे और गुफाओं में निवास करते थे।
- मध्यपाषाण काल (Mesolithic Age): इस युग में मनुष्य ने छोटे औजारों का निर्माण किया जिसे ‘माइक्रोलिथ्स’ कहा जाता है। यहाँ कृषि और पशुपालन का आरंभ होता है।
- नवपाषाण काल (Neolithic Age): इस काल में मनुष्य ने कृषि, पशुपालन और मिट्टी के बर्तन बनाने का काम शुरू किया। गाँवों की स्थापना हुई और समाज धीरे-धीरे स्थिर होने लगा।
2. हड़प्पा सभ्यता (Harappan Civilization):
- स्थान और प्रमुख शहर: हड़प्पा सभ्यता सिंधु घाटी में स्थित थी। इसके प्रमुख शहर थे – हड़प्पा, मोहनजोदड़ो, कालीबंगा, लोथल, धोलावीरा, राखीगढ़ी।
- विशेषताएँ: नगर योजना, जल निकासी व्यवस्था, ग्रेनरी, बड़े-बड़े स्नानागार, किलेबंदी और पक्की ईंटों का प्रयोग।
- आर्थिक जीवन: कृषि, शिल्पकला, व्यापार और मृदभांड (Pottery)।
- लिपि: हड़प्पा की लिपि चित्रलिपि (Pictographic) थी, जिसे अब तक पूर्णतः पढ़ा नहीं जा सका है।
3. वैदिक काल (Vedic Period):
- प्रारंभिक वैदिक काल (Early Vedic Period): आर्यों का आगमन और बसावट गंगा-यमुना के मैदानों में हुई। ऋग्वेद इस काल का प्रमुख स्रोत है। समाज कबीलाई था और जीवन कृषि और पशुपालन पर आधारित था।
- उत्तर वैदिक काल (Later Vedic Period): इस काल में जनपदों का विकास हुआ और समाज में वर्ण व्यवस्था की जड़ें मजबूत हुईं। कृषि के साथ-साथ धातुकला और व्यापार में वृद्धि हुई।
- धार्मिक जीवन: प्रारंभिक वैदिक काल में प्राकृतिक शक्तियों की पूजा होती थी। उत्तर वैदिक काल में यज्ञ और कर्मकांड की प्रधानता बढ़ी।
4. महाजनपद काल (Mahajanapada Period):
- महाजनपद: 16 महाजनपदों का विकास हुआ, जिनमें प्रमुख थे – मगध, कौशल, वत्स, अवंती, गांधार।
- मगध का उत्थान: मगध सबसे शक्तिशाली महाजनपद बन गया। हर्यक, शिशुनाग और नंद वंशों ने मगध को साम्राज्य में बदला।
- गणतंत्रात्मक महाजनपद: कुछ महाजनपद गणतांत्रिक थे, जैसे – वज्जी और मल्ल।
5. बुद्ध और महावीर:
- गौतम बुद्ध: बुद्ध ने सत्य, अहिंसा, और ध्यान पर आधारित जीवन जीने की शिक्षा दी। उनका “मध्यम मार्ग” जीवन के दुःखों से मुक्ति का रास्ता था।
- महावीर स्वामी: जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर महावीर ने अहिंसा और तपस्या पर जोर दिया। जैन धर्म के प्रमुख सिद्धांतों में अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह शामिल हैं।
6. मौर्य साम्राज्य (Mauryan Empire):
- चंद्रगुप्त मौर्य: मौर्य साम्राज्य के संस्थापक। चाणक्य (कौटिल्य) उनके सलाहकार थे, जिन्होंने ‘अर्थशास्त्र’ लिखा। उन्होंने सिकंदर के उत्तराधिकारियों से लड़ाई लड़ी और उन्हें हराया।
- अशोक: सबसे प्रसिद्ध मौर्य सम्राट, जिन्होंने कलिंग युद्ध के बाद बौद्ध धर्म अपना लिया। अशोक के शिलालेख उनकी नीति, ‘धम्म’, का परिचय देते हैं।
- प्रशासन: मौर्यकालीन प्रशासन बहुत संगठित था। केंद्र सरकार के अंतर्गत क्षेत्रीय प्रशासन और जासूसी व्यवस्था थी।
7. गुप्त साम्राज्य (Gupta Empire):
- चंद्रगुप्त प्रथम: गुप्त साम्राज्य के संस्थापक। इस काल में कला, संस्कृति और विज्ञान का उत्कर्ष हुआ।
- समुद्रगुप्त: इसे “भारत का नेपोलियन” कहा जाता है। उसने कई सफल सैन्य अभियानों का नेतृत्व किया।
- चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य): उनके शासनकाल में उज्जैन गुप्त साम्राज्य की राजधानी थी। इस काल में साहित्य, विज्ञान और कला का स्वर्ण युग था।
8. प्राचीन भारत की सामाजिक संरचना:
- वर्ण व्यवस्था: प्राचीन भारत में समाज वर्णों में बंटा हुआ था – ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र। इस व्यवस्था का आधार कर्म और जन्म दोनों थे।
- स्त्री की स्थिति: वैदिक काल में स्त्रियों की स्थिति सम्मानजनक थी, लेकिन उत्तर वैदिक काल में उनके अधिकार सीमित हो गए।
9. धार्मिक और सांस्कृतिक विकास:
- हिंदू धर्म: वैदिक धर्म से विकसित हुआ। इसमें विभिन्न देवताओं की पूजा, यज्ञ, और कर्मकांड महत्वपूर्ण थे।
- बौद्ध धर्म और जैन धर्म: इन धर्मों ने वैदिक कर्मकांड और पशुबलि का विरोध किया और सरल, नैतिक जीवन जीने पर जोर दिया।
- वास्तुकला: स्तूप, विहार, मंदिर और मूर्तिकला का विकास। जैसे – साँची का स्तूप, बोधगया का महाबोधि मंदिर।
10. प्राचीन भारतीय विज्ञान और तकनीक:
- गणित: आर्यभट्ट और ब्रह्मगुप्त जैसे विद्वानों ने गणित और खगोलशास्त्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
- आयुर्वेद: चरक और सुश्रुत ने चिकित्सा के क्षेत्र में महान योगदान दिया।
ये रामशरण शर्मा की पुस्तक से प्राचीन भारत के इतिहास के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु हैं, जो UPSC जैसे प्रतियोगी परीक्षाओं में सहायक हो सकते हैं।