ओडिशा सरकार की ₹1,113 करोड़ की जैव प्रौद्योगिकी योजना

मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के नेतृत्व में ओडिशा सरकार ने जैव प्रौद्योगिकी (Biotechnology) के क्षेत्र में ऐतिहासिक कदम उठाया है।

कैबिनेट द्वारा हाल ही में ₹1,113.50 करोड़ की ‘बायोटेक्नोलॉजी विकास योजना’ को मंजूरी दी गई है, जिसका उद्देश्य राज्य को एक ज्ञान आधारित जैव-आर्थिक (Bio-Economy) केंद्र बनाना है।

योजना का उद्देश्य क्या है?

इस योजना का मुख्य उद्देश्य ओडिशा को जैव-प्रौद्योगिकी और अनुसंधान के क्षेत्र में एक अग्रणी राज्य बनाना है। इसके अंतर्गत न केवल अनुसंधान संस्थानों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि रोजगार और स्टार्टअप की नई संभावनाएं भी विकसित होंगी।

यह योजना वैज्ञानिक शोध, उद्योग और शिक्षा को आपस में जोड़ने का काम करेगी, जिससे कृषि, औषधि, पर्यावरण संरक्षण और खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों में क्रांति आ सकती है।

बजट और अवधि

यह योजना आगामी 5 वर्षों के लिए लागू की गई है और इसमें कुल ₹1,113.50 करोड़ का बजट निर्धारित किया गया है। इसका एक बड़ा हिस्सा अनुसंधान संस्थानों, स्टार्टअप्स और तकनीकी बुनियादी ढांचे के निर्माण में निवेश किया जाएगा।

क्या मिलेगा इस योजना से?

  • रोजगार के नए अवसर
  • बायो स्टार्टअप्स को सीड फंडिंग और इन्क्यूबेशन
  • शिक्षा और रिसर्च के नए कोर्स और प्रयोगशालाएं
  • बायोइंडस्ट्री के लिए विशेष जोन
  • पर्यावरण हितैषी टेक्नोलॉजी को बढ़ावा

मुख्यमंत्री शहरी विकास योजना (MSBY)

इसी कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री शहरी विकास योजना (MSBY) को भी मंजूरी मिली है, जिसमें ₹6,000 करोड़ का बजट तय किया गया है। इसका उद्देश्य शहरी इलाकों में जल, सड़क, सीवरेज, कचरा प्रबंधन जैसी बुनियादी सुविधाओं को बेहतर बनाना है।

राष्ट्रीय दृष्टिकोण से क्या महत्व?

यह योजना भारत की 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में एक मजबूत कदम है। यह ‘मेक इन इंडिया’, ‘डिजिटल इंडिया’ और ‘स्टार्टअप इंडिया’ जैसी योजनाओं के साथ तालमेल में काम करेगी।

निष्कर्ष

ओडिशा सरकार की यह जैव प्रौद्योगिकी योजना एक दूरदर्शी और विकासोन्मुखी कदम है। यह न केवल विज्ञान और तकनीक को बढ़ावा देगी बल्कि युवाओं को भी नई दिशा देगी। यदि सफलतापूर्वक लागू हुई, तो ओडिशा बायोटेक्नोलॉजी का अगला हब बन सकता है।

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