Highway Development Update: जम्मू-कश्मीर के दुर्गम पहाड़ी इलाकों में सफर करना अब पहले से कहीं ज्यादा आसान होने जा रहा है।

केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत दो मेगा हाईवे प्रोजेक्ट — काजीगुंड-बनिहाल एक्सप्रेसवे और नया जम्मू-उधमपुर हाईवे कॉरिडोर — का तेजी से निर्माण किया जा रहा है। इन परियोजनाओं में 4,185 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया गया है, जिससे राज्य की कनेक्टिविटी और पर्यटन को जबरदस्त बूस्ट मिलेगा।
हाईवे नेटवर्क से पहाड़ी इलाकों में आएगा नया बदलाव
सरकार का उद्देश्य है कि जम्मू-कश्मीर के हर कोने को मजबूत सड़क नेटवर्क से जोड़ा जाए। इससे न केवल आम लोगों का सफर सुरक्षित होगा, बल्कि पर्यटकों को भी नया अनुभव मिलेगा। इन हाईवे के चालू होने से श्रीनगर की ओर यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा, जिससे टूरिज्म और व्यापार दोनों को बढ़ावा मिलेगा।
क्यूब हाईवेज ने संपत्ति अधिग्रहण पर खर्च किए 4,185 करोड़ रुपये
क्यूब हाईवेज ट्रस्ट ने राष्ट्रीय निवेश और अवसंरचना कोष (NIIF) के सहयोग से दो प्रमुख परियोजनाएं अधिग्रहित की हैं — काजीगुंड एक्सप्रेसवे प्राइवेट लिमिटेड और अथांग जम्मू-उधमपुर हाईवे प्राइवेट लिमिटेड। इस निवेश से न केवल संरचना को मजबूती मिलेगी, बल्कि भविष्य के लिए राजस्व का नया रास्ता भी खुलेगा।
जम्मू-उधमपुर हाईवे: NH-44 के विस्तार का अहम हिस्सा
जम्मू और उधमपुर को जोड़ने वाला यह 64.4 किमी लंबा हाईवे NH-44 का अहम हिस्सा है। यह मार्ग कटरा, श्रीनगर और लेह जैसे प्रमुख स्थलों को भारत के बाकी हिस्सों से जोड़ता है, जिससे कश्मीर क्षेत्र की कनेक्टिविटी और रणनीतिक महत्व दोनों बढ़ जाते हैं।
भूमि अधिग्रहण से स्थानीय जनता को मिला बड़ा मुआवजा
हाईवे प्रोजेक्ट्स के तहत जिन किसानों और जमीन मालिकों की संपत्ति अधिग्रहित की गई है, उन्हें सरकार द्वारा संतोषजनक मुआवजा दिया गया है। इससे न केवल वे आर्थिक रूप से सशक्त हुए हैं, बल्कि स्थानीय विकास में भी भागीदार बन पाए हैं।
भारत की सबसे लंबी टनल वाली सड़क बन रही है हकीकत
काजीगुंड एक्सप्रेसवे में शामिल है 8.5 किलोमीटर लंबी पीर पंजाल टनल, जो ऑस्ट्रियन टनलिंग टेक्नोलॉजी से बनाई जा रही है। यह टनल चार लेन हाईवे का हिस्सा है, जिससे जम्मू-श्रीनगर हाईवे की दूरी 16 किमी तक घटेगी और यात्रा की रफ्तार बढ़ेगी।
हाईटेक सुरक्षा और मॉडर्न तकनीक से लैस टनल
टनल में हर 500 मीटर पर इमरजेंसी एग्जिट कॉरिडोर और आधुनिक वेंटिलेशन सिस्टम लगाया गया है। लगभग 2100 करोड़ रुपये की लागत से बन रही यह टनल हर मौसम में निर्बाध यात्रा को सुनिश्चित करेगी।
निवेश से मिलेगा स्थानीय व्यापार को बढ़ावा
इन प्रोजेक्ट्स से आसपास के इलाकों में होटल, ढाबे, पेट्रोल पंप और शॉपिंग एरिया विकसित होंगे, जिससे स्थानीय रोजगार और व्यापार को जबरदस्त गति मिलेगी। क्यूब हाईवेज के अनुसार, इस निवेश से हर वर्ष 2.3 रुपये प्रति इकाई के हिसाब से नकद प्रवाह में इज़ाफा होगा।
जम्मू-कश्मीर की रोड इंफ्रास्ट्रक्चर में आ रहा ऐतिहासिक परिवर्तन
इन हाईवे परियोजनाओं से राज्य की सड़क व्यवस्था एक नए युग में प्रवेश कर रही है। न सिर्फ पर्यटन को बल मिलेगा, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए जीवन आसान और सुरक्षित होगा। सरकार की यह पहल जम्मू-कश्मीर को आर्थिक और रणनीतिक रूप से और अधिक मजबूत बनाएगी।