फिल्मी दुनिया से IAS तक: एक सितारे की अनोखी कहानी, जो आपको हैरान कर देगी!”

IAS श्रुतंजय नारायणन की कहानी: फिल्मी दुनिया के बड़े सुपरस्टारों के बच्चे आमतौर पर अपने माता-पिता की तरह ही फिल्म इंडस्ट्री का हिस्सा बनते हैं, लेकिन यह कहानी एक ऐसे सितारे की है जिनके पिता एक अभिनेता होते हैं, परंतु उन्होंने चुनी सोच कर राष्ट्र सेवा में करियर बनाने का निर्णय लिया। यह सितारा है श्रुतंजय कृष्ण मूर्ति नारायणन की कहानी, जो दक्षिणी सिनेमा के प्रमुख अभिनेता चिन्नी जयंत के पुत्र हैं। इस लेख में हम उनके आईएएस की यात्रा की कहानी सुनेंगे, जो सबके लिए प्रेरणास्त्रोत है।

एक सितारे की अनोखी कहानी, जो आपको हैरान कर देगी!
एक सितारे की अनोखी कहानी, जो आपको हैरान कर देगी!

भारत में UPSC सिविल सेवा परीक्षा एक प्रमुख परीक्षा है, और इसे पास करने के लिए उम्मीदवारों को गहन तैयारी की आवश्यकता होती है। कई लोग इस परीक्षा को चुनौतियों के बावजूद सफलता प्राप्त करते हैं। श्रुतंजय नारायणन भी उनमें से एक हैं, जिन्होंने अपने पिता की तरह फ़िल्मी दुनिया में कदम नहीं रखकर अपनी खुद की पहचान बनाई। चिन्नी जयंत, एक प्रसिद्ध तमिल सितारा, ने 80 के दशक में रजनीकांत की फ़िल्मों में अपने कॉमेडी अभिनय के लिए पहचान बनाई थी।

श्रुतंजय ने अपने IAS अधिकारी बनने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए 10-12 घंटे की मेहनत की, और उनके सफलता के पीछे उनके कठिन प्रयासों ने अहम भूमिका निभाई। उनका नाम यूपीएससी की शीर्ष 100 रैंक हासिल करने वालों की सूची में आया है। वर्तमान में, वह तमिलनाडु के तिरुपुर में सब-कलेक्टर के पद पर कार्यरत हैं। श्रुतंजय ने दूसरे प्रयास में यूपीएससी परीक्षा का पास होकर 2019 में 75वीं रैंक हासिल की, जिसका परिणाम 2020 में घोषित हुआ था। उन्होंने अपने दूसरे प्रयास के दौरान एक स्टार्टअप पर साथ में काम किया।

श्रुतंजय ने कई स्कूल और कॉलेज नाटकों में अभिनय किया था, लेकिन उन्होंने अपने पिता की तरह व्यावसायिक अभिनय नहीं किया। चिन्नी जयंत ने उनके दोस्तों को सिनेमा की बारीकियां सिखाने में मदद की, लेकिन श्रुतंजय का दृढ़ संकल्प सिनेमा में करियर बनाने का नहीं था। उनका मुख्य उद्देश्य था अभिव्यक्ति का माध्यम खोजना और नए दोस्त बनाना। श्रुतंजय ने अभिनय क्षेत्र में व्यावसायिक करियर की संभावनाओं पर ध्यान नहीं दिया।

आपको यह भी बताना चाहेंगे कि श्रुतंजय ने IAS अधिकारी बनने से पहले एक स्टार्टअप में काम किया था, जहां उन्होंने 4-5 घंटे की सेल्फ-स्टडी की थी। उन्होंने अपने नाइट शिफ्ट काम के दौरान भी पढ़ाई की और परीक्षा के कुछ हफ्ते पहले अपनी पढ़ाई की दिशा बदल दी थी (यूपीएससी परीक्षा गाइड) और फिर 10-12 घंटे पढ़ाई करने लगे थे। उन्होंने अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रखा, और उनका आहार, नींद, और योग उनके दैनिक जीवन का हिस्सा बनाए रखा। श्रुतंजय ने UPSC साक्षात्कार के महत्व को भी महत्व दिया और कहा कि उम्मीदवारों को 20 मिनट के भीतर अपनी छाप छोड़ने की आवश्यकता है।

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