UPSC NCERT Class 6th Polity Notes : यह आर्टिकल आपको पढ़ने में मदद करेगा हमारी टीम ने इस Notes को Class 6th के NCERT बुक से बनाया है। इस आर्टिकल में आपको एकदम बेसिक्स जानकारियां मिलेगी जैसे सरकार क्या है पंचायती राज क्या होता है गांव का प्रशासन क्या होता है इत्यादि।
इकाई -I | विविधता |
अध्याय 1 | विविधता की समझ |
अध्याय 2 | विविधता एवं भेदभाव |
इकाई -II | सरकार |
अध्याय 3 | सरकार क्या है? |
अध्याय 4 | लोकतांत्रीक सरकार के मुख्य तत्व |
इकाई -III | स्थानीय सरकार और प्रशासन |
अध्याय 5 | पंचायती राज |
अध्याय 6 | गाँव का प्रशासन |
अध्याय 7 | नगर प्रशासन |
इकाई -IV | आजीविकाएँ |
अध्याय 8 | ग्रामीण क्षेत्र में आजीविका |
अध्याय 9 | शहरी क्षेत्र में आजीविका |
UPSC NCERT Class 6th Polity Notes Chapter-1.विविधता की समझ
● भारत विशाल विविधता वाला देश है। लोग अलग-अलग भाषा बोलते हैं, अलग-अलग त्योहार मनाते हैं और तरह-तरह के पकवान खाते हैं। विविधता जनसांख्यिकीय और दार्शनिक मतभेदों के व्यापक स्पेक्ट्रम से व्यक्तियों और समूहों द्वारा बनाई गई वास्तविकता है।
● विविधता को प्रभावित करने वाले कारक:
ऐतिहासिक और भौगोलिक कारक दो कारक हैं जो किसी क्षेत्र की विविधता को प्रभावित करते हैं। समुद्र के पास के लोगों का जीवन पहाड़ी इलाके के लोगों से अलग होता है।
● लद्दाख भयानक भौतिक विशेषताओं वाला देश है और एक विशाल और शानदार वातावरण में स्थित है। यह दुनिया की सबसे शक्तिशाली पर्वत श्रृंखलाओं, उत्तर में काराकोरम और दक्षिण में महान हिमालय से घिरा हुआ है।
● केरल भारत के दक्षिण-पश्चिमी भाग में स्थित है। यह एक तरफ समुद्र और पहाड़ियों से घिरा हुआ है।
● भारत विभिन्न धर्मों और समुदायों की भूमि है। हमारी आदतों और रीति-रिवाजों में बहुत विविधता है और फिर भी हम सभी भारतीय के रूप में एक साथ रहते हैं। “विविधता में एकता” हमारे देश की विशिष्ट विशेषता रही है।
● दिखने, व्यवहार, संस्कृति, धर्म, भाषा, प्रतिभा आदि जैसे पहलुओं के मामले में पृथ्वी पर हर कोई एक दूसरे से भिन्न है। इसका मतलब है कि इन पहलुओं में लोगों के बीच विविधता है। विविधता का अर्थ है एकरूपता की कमी और विविधता की भावना ।
● लोगों के बीच असमानता तब आती है जब उनके पास संसाधनों और अवसरों तक अलग- अलग पहुंच होती है। जाति व्यवस्था, धर्म, वित्तीय कल्याण, शिक्षा आदि समाज में असमानता के विभिन्न रूप हैं।
● भारत अनेक विविधताओं वाला देश है। चूंकि यह एक बहुत बड़ा देश है, इसलिए अलग-अलग हिस्सों में लोग अपने रीति-रिवाजों, भाषा, आदतों आदि में भिन्न होते हैं। ये विविधताएं इस तथ्य से उत्पन्न होती हैं कि विभिन्न क्षेत्रों के अलग-अलग इतिहास और वातावरण हैं।
विविधता–
विभिन्न व्यक्तियों के लक्षणों, रूप, व्यवहार, संस्कृति, धर्म, भाषा, योग्यताओं, संसाधनों और अवसरों में विद्यमान विविधता की भावना को विविधता कहा जाता है।
● दो या दो से अधिक लोगों के बीच उनकी क्षमताओं, संसाधनों और अवसरों, या उनकी जाति आदि के कारण उत्पन्न होने वाले अंतर को असमानता कहा जाता है।
प्राकृतिक वास–
जिस भौगोलिक क्षेत्र में कोई प्राणी अनुकूलित हो गया है और आराम से रहता है, उसे उस जीव का निवास स्थान कहा जाता है।
साधन–
कोई भी वस्तु जो किसी गतिविधि में किसी काम की हो सकती है, संसाधन कहलाती है।
UPSC NCERT Class 6th Polity Notes Chapter-2.विविधता एवं भेदभाव
अंतर केवल तुलना या वर्गीकरण के आधार पर ही बताया जा सकता है। जबकि, पूर्वाग्रह एक प्रतिकूल राय या भावना है, जो पहले से या ज्ञान, विचार या कारण के बिना बनाई गई है।
रूढ़िबद्ध धारणा (Stereotypes):–
एक “स्टीरियोटाइप” किसी व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह के बारे में एक सामान्यीकरण है। हम पूर्ण तथ्यों के ज्ञान के बिना, एक स्टीरियोटाइप के आधार पर किसी व्यक्ति को विशेषताएँ बताकर पूर्वाग्रह का सहारा लेते हैं।
जातिगत(Caste):–
कठोर सामाजिक स्तरीकरण की एक प्रणाली जो वंशानुगत स्थिति, अंतर्विवाह और रीति- रिवाजों, कानून और धर्म द्वारा स्वीकृत सामाजिक बाधाओं की विशेषता है।
संविधान(Constitution):–
मौलिक कानून, लिखित या अलिखित, जो उन बुनियादी सिद्धांतों को परिभाषित करके सरकार के चरित्र को स्थापित करता है जिनके अनुरूप समाज को होना चाहिए।
हम भी रूढ़िवादिता का निर्माण करते हैं (We also tend to create stereotypes):–
यानी हम किसी चीज़ के बारे में ध्यान से विचार किए बिना एक विशेष छवि बनाते हैं- सकारात्मक या नकारात्मक रूढ़िवादिता धर्म, मूल स्थान या निवास स्थान, लिंग, जाति, पृष्ठभूमि आदि के संबंध में हो सकती है।
पूर्वाग्रह(Prejudice):–
दूसरे लोगों को नकारात्मक रूप से आंकने या उन्हें हीन मानने की प्रवृत्ति को पूर्वाग्रह कहा जाता है।
रूढ़िबद्ध धारणा(Stereotype):–
जब कोई किसी विशेष छवि सकारात्मक या नकारात्मक किसी चीज़ के बारे में ध्यान से सोचे बिना बनाता है, तो इसे स्टीरियोटाइप कहा जाता है। यह किसी के धर्म, मूल स्थान या निवास स्थान, लिंग, जाति, पृष्ठभूमि आदि के संबंध में हो सकता है।
भेदभाव (Discrimination):–
जब लोग इस तरह से कार्य करते हैं जो उनके पूर्वाग्रह या रूढ़िवादिता के कारण होता है, तो भेदभाव होता है: उदाहरण के लिए, एक ही सीट को दूसरी जाति के व्यक्ति के साथ साझा नहीं करना भेदभाव का एक रूप है।
अस्पृश्यता/छुआछूत(Untouchability):–
भेदभाव का एक रूप जिसमें “उच्च जाति” के लोगों द्वारा एक विशेष जाति के लोगों को अशुद्ध माना जाता है, अस्पृश्यता कहलाती है। उस जाति को “अछूत” कहा जाता है। भेदभाव के इस रूप को हतोत्साहित किया जाना चाहिए ।
UPSC NCERT Class 6th Polity Notes Chapter-3.सरकार क्या हैं?
(What is गवर्नमेंट?) सरकार –
सरकार “संगठन है, जो एक राजनीतिक इकाई का शासी प्राधिकरण है”, “राजनीतिक समाज में सत्ताधारी शक्ति” और वह तंत्र जिसके माध्यम से एक शासी निकाय कार्य करता है और अधिकार का प्रयोग करता है”।
सरकार के स्तर(Levels of Government) :–
भारत एक प्रतिनिधि लोकतंत्र है जहां लोग मतदान करने, प्रतिनिधियों का चुनाव करने और प्रक्रिया बनाने वाले निर्णयों में भाग लेने के पात्र हैं। सरकार विभिन्न स्तरों पर काम करती है: राष्ट्रीय, राज्य और स्थानीय स्तर ।
राष्ट्रीय स्तर:(National Level)
यह सरकार के उस क्षेत्र को संदर्भित करता है जो कराधान, रक्षा, अंतर्राष्ट्रीय संबंधों और व्यापार जैसे राष्ट्रीय मुद्दों से संबंधित है।
राज्य स्तर (State Level)
प्रत्येक राज्य सरकार का अपना पुलिस बल, शिक्षा प्रणाली और सड़क कानून हैं।
स्थानीय स्तर(Local Level)
स्थानीय सरकारों को ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत और शहरी क्षेत्रों में नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के रूप में जाना जाता है।
Laws and the Government:
किसी दिए गए समुदाय, राज्य या राष्ट्र के अधिकार कानून या प्रथा द्वारा स्थापित और लागू किए गए आचरण के नियम को कानून कहा जाता है। कानूनों की अखंडता को बनाए रखना सरकार और नागरिकों दोनों की जिम्मेदारी है।
Types of Government:
सरकारों को कई प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है। कुछ सबसे सामान्य प्रकार की सरकारें लोकतंत्र, राजशाही आदि हैं।
लोकतंत्र(Democracy)
यह निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा संचालित सरकार का एक रूप है जो निर्णय लेने की शक्ति रखते हैं। ‘लोकतंत्र’ शब्द की उत्पति ग्रीक शब्द ‘डेमोस’ और ‘क्रेटोस’ से हुई है, जिसका अर्थ है “लोगों का शासन।” इसे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लोकतंत्र में वर्गीकृत किया जा सकता है।
राज-तंत्र(Monarchy)-
एक राजशाही एक राजा या रानी द्वारा शासन को संदर्भित करता है। कभी-कभी, एक राजा को “सम्राट” कहा जाता है। यह राज्य के वंशानुगत मुखिया वाली सरकार है। इसे दो प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है, अर्थात् निरपेक्ष और संवैधानिक राजतंत्र ।
UPSC NCERT Class 6th Polity Notes Chapter-4.लोकतंत्रिक सरकार के मुख्य तत्व
लोगों की भूमिका(Role of the People):–
जनता एक लोकतांत्रिक सरकार के उचित कामकाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जिसमें चुनाव के साथ-साथ सरकार के कामकाज और निर्णय लेने की जिम्मेदारी भी शामिल है।
चुनाव(Election):–
लोकतंत्र में, लोग अपने प्रतिनिधियों को चुनने के लिए वोट डालते हैं, जो लोगों की ओर से निर्णय लेते हैं। भारत में सरकार पांच साल की अवधि के लिए चुनी जाती है।
सामाजिक आंदोलन(Social Movements)
लोग कई तरह से अपने विचार व्यक्त करते हैं जैसे धम्म, हड़ताल, रैलियां और हस्ताक्षर अभियान, जैसे, भारतीय किसान संघ के कार्यकर्ताओं ने धान रोपाई के मौसम में बिजली की कमी के विरोध में मिनी सचिवालय में एक प्रदर्शन किया।
अल्पसंख्यक को मान्यता(Recognition to Minority)
किसी देश की सरकार का लोकतांत्रिक चरित्र मजबूत होगा यदि अल्पसंख्यक लोग (दलित, आदिवासी, महिला) सरकार की प्रक्रिया में भाग लें। अल्पसंख्यक समुदायों और आदिवासियों ने भारत के संविधान में संथाली भाषा को शामिल करने की मांग करके सरकार के कामकाज में भाग लिया।
सरकार की भूमिका(Role of the Government)
मान लीजिए, यदि कोई धार्मिक जुलूस और उत्सव संघर्ष का कारण बनता है, तो सरकार,विशेष रूप से पुलिस संबंधित समुदाय के प्रतिनिधियों से मिलने और समाधान निकालने का प्रयास करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
समानता और न्याय(Equality and Justice)
एक लोकतांत्रिक सरकार का मुख्य विचार समानता और न्याय के प्रति उसकी प्रतिबद्धता है। अल्पसंख्यक समुदायों को कई सुविधाओं से वंचित रखा गया था। डॉ. अम्बेडकर ने महसूस किया कि इस तरह की प्रथाएं जारी नहीं रहनी चाहिए और न्याय तभी प्राप्त किया जा सकता है जब लोगों के साथ समान व्यवहार किया जाए।
UPSC NCERT Class 6th Polity Notes Chapter-5.पंचायती राज
ग्राम सभा(Gram Sabha)
यह पंचायत के क्षेत्र के भीतर ग्राम स्तर पर मतदाता सूची में पंजीकृत व्यक्तियों से बना एक निकाय है। पंचायत के पीठासीन अधिकारी को सरपंच और प्रधान को मुखिया के रूप में जाना जाता है।
ग्राम पंचायत(Gram Panchayat)
यह ग्राम सभा की कार्यकारी शाखा है।
पंचायत समिति(Panchayat Samiti)
यह एक कार्यकारी निकाय है। ग्राम पंचायत के कार्य को ग्राम सभा द्वारा अनुमोदित करना होता है। ग्राम पंचायत ग्राम सभा के प्रति जवाबदेह होती है। ग्राम सभा एक ऐसी बैठक है जिसमें लोग सीधे भाग लेते हैं और अपने चुने हुए प्रतिनिधियों से जवाब मांगते हैं।
1 .हर ग्राम पंचायत को वार्डों में बांटा गया है, यानी छोटे क्षेत्रों में।
2 .प्रत्येक वार्ड एक प्रतिनिधि का चुनाव करता है जिसे वार्ड सदस्य या पंच के रूप में जाना जाता है।
3. ग्राम सभा के सदस्य एक सरपंच का चुनाव करते हैं जो पंचायत अध्यक्ष होता है।
4 .वार्ड पंच और सरपंच मिलकर ग्राम पंचायत बनाते हैं।
5. ग्राम पंचायत का कार्यकाल पांच वर्ष का होता है।
ग्राम पंचायत और ग्राम सभा में एक ही सचिव होता है। सचिव की नियुक्ति सरकार करती हैं। सचिव ही ग्राम सभा और ग्राम पंचायत की बैठक बुलाता है।
UPSC NCERT Class 6th Polity Notes Chapter-6.गाँव का प्रशासन ( Rural Administration)
ग्राम सभा(Gram Sabha)
पंचायती राज, ग्राम सभा के माध्यम से, मुद्दों को थाने में ले जाने के बजाय, भूमि विवाद की समस्याओं को हल कर सकता है।
थाने में काम करते हैं(Work at the Police Station)
थाने में मोहन ने थाना प्रभारी से मुलाकात की और कहा कि वह लिखित में शिकायत देना चाहता है. सबसे पहले एसएचओ मना कर दिया, लेकिन बाद में, वह मान गया कि वह मामला दर्ज करेगा। एसएचओ ने वादा किया कि वह घटना की जांच के लिए एक कांस्टेबल भेजेंगे।
पटवारी के कर्तव्य(Patwari’s Duties)
इनमें भूमि सर्वेक्षण करना, क्षेत्र पर्यवेक्षण करना और पुलिस को अपराध की रिपोर्ट करना शामिल है। जांच में पटवारी की भूमिका अहम होती है। पटवारी का रिकॉर्ड पुलिस को यह पता लगाने में मदद करता है कि किस व्यक्ति ने अपनी मेड़ को मूल सीमा से आगे बढ़ाया है।
राजस्व विभाग:(Revenue Department)
इन सब पर नजर रखना राजस्व विभाग का काम है। इस विभाग के वरिष्ठ लोग पटवारी के काम की निगरानी करते हैं।
स्थानीय प्रशासन(Local Administration)
भारत के सभी राज्यों को जिलों में बांटा गया है। भूमि से संबंधित मामलों के प्रबंधन के लिए, इन जिलों को आगे उप-विभाजित किया गया है। एक जिले के इन उप-मंडलों को अलग-अलग नामों से जाना जाता है जैसे तहसील, तालुका, आदि।
Hindu Succession Amendment Act (2005):
यह अधिनियम हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 में लैंगिक भेदभावपूर्ण प्रावधानों को हटाने के लिए पारित किया गया है और धारा 6 के तहत बेटियों को निम्नलिखित अधिकार देता है: सहदायिक (संयुक्त-वारिस) की बेटी जन्म से उसी तरह से सहदायिक बन जाती है जैसे बेटा सहदायिक संपति में बेटी का उतना ही अधिकार है जितना कि यदि वह पुत्र होता तो उसे प्राप्त होता। नए कानून में बेटे, बेटियों और उनकी मां को जमीन का बराबर हिस्सा मिल सकता है।
UPSC NCERT Class 6th Polity Notes Chapter-7.नगर प्रशासन (Urban Administration)
वार्ड पार्षद(Ward Councillor)
1. वार्ड पार्षद अस्पतालों के निर्माण के लिए जिम्मेदार हैं।
2. वे उस वार्ड / क्षेत्र में रहने वाले लोगों द्वारा चुने जाते हैं।
3. पार्षदों के समूह नीति-निर्माण पर निर्णय लेते हैं।
4. वार्ड पार्षदों की समितियां पानी, कचरा संग्रहण और स्ट्रीट लाइटिंग की देखभाल करती हैं।
वार्ड पार्षदों के कर्तव्य(Duties of the Ward Councillor)
1. वार्ड पार्षद बजट बनाते हैं।
2. वे अपने-अपने वार्डों की मांगों को देखते हैं।
3. वे प्रशासनिक कर्मचारियों को कार्यान्वयन का कार्य सौंपते
प्रशासनिक स्टाफ(Administrative Staff)
1. वार्ड के लोग अपनी समस्याओं के संबंध में वार्ड पार्षदों से वार्ड के भीतर संपर्क कर सकते हैं। पार्षद समितियों के सदस्य विभिन्न मुद्दों पर निर्णय लेते हैं।
2. आयुक्त और प्रशासनिक कर्मचारी मुद्दों को लागू करते हैं।
3. आयुक्त और प्रशासनिक कर्मचारी नियुक्त किए जाते हैं।
4. वार्ड पार्षद चुने जाते हैं।
नगर पालिका परिषद(Municipal Council)
1. यह शहरों में एक प्रशासनिक विभाग है।
2. यह विभिन्न विभागों में कार्य विभाजन का पर्यवेक्षण करता है।
3. इसमें जल विभाग, कचरा संग्रहण, सड़कों का निर्माण, स्वच्छता आदि विभाग शामिल हैं।
नगर निगम(Municipal Corporation)
1. स्ट्रीट लाइट, कचरा संग्रहण, पानी की आपूर्ति आदि का ध्यान रखता है।
2. महामारियों जैसे मलेरिया, डेंगू आदि के बारे में जागरूकता पैदा करता है।
3. लोगों को बीमारियों से बचाव के उपाय सिखाता है।
4. स्कूल, अस्पताल और डिस्पेंसरी चलाता है। सामुदायिक विरोध: वार्ड समुदाय अपनी याचिका वार्ड पार्षद को प्रस्तुत कर सकता है।
5. सामूहिक कार्रवाई वार्ड अभियंता एवं वार्ड परिषद द्वारा की जाती है।
6. याचिकाएं नगर निगम कार्यालय को अग्रेषित की जाती हैं।
7. नगर निगम मुद्दों का समाधान करता है।
UPSC NCERT Class 6th Polity Notes Chapter-8.ग्रामीण क्षेत्र में आजीविका(Rural Livelihoods)
विभिन्न व्यवसाय:(Different Occupations)
इस गांव के लोग लोहार, शिक्षक, धोबी, बुनकर, नाई, मैकेनिक, दुकानदार और व्यापारियों जैसे विभिन्न व्यवसायों में शामिल हैं।
दुकान
कलपट्टू गांव में चाय की दुकानें, किराना स्टोर, नाई की दुकान, कपड़े की दुकानें, दर्जी की दुकानें, उर्वरक और बीज की दुकानें जैसी कई छोटी दुकानें हैं।
एक महिला किसान का जीवन:
महिला, तुलसी रामलिंगम के खेत में काम करती है और धान की रोपाई, निराई और कटाई जैसे विभिन्न काम करती है। वह रोजाना 40 रुपये कमाती है। वह खाना पकाने, सफाई करने और कपड़े धोने जैसे घरेलू काम भी करती है।
कर्ज में होना:
किसान खेती की जमीन की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए पैसे उधार लेते हैं। कभी-कभी, वे मानसून की विफलता के कारण ऋण वापस करने में असमर्थ होते हैं, जिसके परिणामस्वरूप कर्ज होता है और अंत में संकट का प्रमुख कारण होता है।
किसान:
कलपट्टू गांव में मजदूर और किसान हैं। ये सभी खेती पर निर्भर हैं। बड़े किसान अपनी जमीन पर खेती करते हैं और अपने उत्पाद बाजार में बेचते हैं। गाँव के कुछ लोग जंगल, पशुपालन, डेयरी उत्पाद, मछली पकड़ने आदि पर निर्भर हैं।
आजीविका के स्रोत(Sources of Livelihood)
जंगल से महुआ, तेंदूपत्ता, शहद आदि की खेती और संग्रह आजीविका के महत्वपूर्ण स्रोत हैं।
ग्रामीण आजीविका(Rural Livelihood)
ग्रामीण क्षेत्रों में लोग विभिन्न तरीकों से अपना जीवन यापन करते हैं। वे खेती या गैर-कृषि गतिविधियों में कार्य करते हैं। हालांकि, कुछ लोगों को साल भर नौकरी पर रखने केलिए काम नहीं मिल पाता है।
UPSC NCERT Class 6th Polity Notes Chapter-9.शहरी क्षेत्र में आजीविका(Urban Livelihoods)
विक्रेता और सरकारी उपाय(Vendors and Government Measures)
फुटपाथ पर कुछ दुकानें हैं। विक्रेता घर पर तैयार की गई चीजें जैसे नाश्ता या भोजन बेचते हैं। स्ट्रीट वेंडिंग यातायात के लिए एक बाधा है। सरकार ने विक्रेताओं की संख्या को कम करने के उपाय शुरू किए हैं। कस्बों और शहरों के लिए हॉकिंग जोन का सुझाव दिया गया है।
मंडी(Market):–
त्योहारों के दौरान शहरों के बाजारों में भीड़भाड़ रहती है। मिठाई, खिलौने, कपड़े, जूते, बर्तन, इलेक्ट्रॉनिक सामान आदि बेचने वाली विभिन्न दुकानें हैं।
व्यवसायिक व्यक्ति(Business Persons):–
शहरों में ऐसे लोग हैं जिनके पास विभिन्न बाजारों में जूते हैं। व्यवसायी हरप्रीत ने रेडीमेड शोरूम खोले। वह भारत के विभिन्न शहरों जैसे मुंबई अहमदाबाद, आदि से सामग्री खरीदती है और कुछ सामान विदेशों से भी खरीदती है।
शोरूम(Showrooms):–
व्यवसायियों को किसी के द्वारा नियोजित नहीं किया जाता है, लेकिन वे पर्यवेक्षकों और सहायकों के रूप में कई श्रमिकों को नियुक्त करते हैं। उन्हें नगर निगम से शोरूम खोलने का लाइसेंस मिलता है।
मार्केट प्लेस में दुकानें(Shops in Market Place):–
बाजार में मेडिकल क्लीनिक भी स्थापित किए गए हैं। दंत चिकित्सा क्लिनिक लोगों को दांतों की समस्याओं को हल करने में मदद करता है। डेंटल क्लिनिक के बगल में तीन मंजिलों वाला एक कपड़ा शोरूम है।
कारखाना क्षेत्र(Factory area):–
एक कारखाने के क्षेत्र में छोटी कार्यशालाएँ होती हैं। एक कारखाने में लोग सिलाई मशीन पर काम करते हैं और कपड़े सिलते हैं। दूसरे हिस्से में सिले हुए कपड़ों को ढेर किया जाता है। कई महिलाएं निर्यात परिधान इकाई में दर्जी का काम करती हैं। फैक्ट्री वर्कशॉप एरिया: लोगों के कुछ समूह एक जगह पर खड़े होते हैं जिसे कहा जाता है ” श्रम चौक”। वे दिहाड़ी मजदूर हैं जो राजमिस्त्री के सहायक के रूप में काम करते हैं। वे निर्माण स्थलों पर भी काम करते हैं और बाजार में लोड या अनलोड ट्रक उठाते हैं।
विक्रेता(Salespersons):–
सेल्स पर्सन का काम दुकानदारों से ऑर्डर लेना और उनसे पेमेंट कलेक्ट करना है। प्रत्येक विक्रेता एक विशेष क्षेत्र के लिए जिम्मेदार है।
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(Q)राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस कब मनाया जाता है?
ANS.-24 अप्रैल
(Q)भारतीय संविधान की ग्यारहवीं अनुसूची में पंचायतों के लिए कुल कितने विषय निर्धारित किए गए हैं?
ANS.- 29
(Q) पंचायत चुनाव कराने हेतु निर्णय किसके द्वारा लिया जाता है?
ANS.- राज्य सरकार द्वारा
(Q)संविधान के 73वें संशोधन द्वारा पंचायतों को निर्दिष्ट किए जाने वाले कार्य किस अनुसूची में वर्णित है?
ANS.- ग्यारहवीं अनुसूची में
(Q)पंचायती राज किस सूची का विषय है?
Ans.- राज्य सूची
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