पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने ‘भारतीय वन और लकड़ी प्रमाणन योजना‘ शुरू की है। इस स्वेच्छिक राष्ट्रीय प्रमाणन पहल का उद्देश्य भारत में स्थायी वन प्रबंधन और कृषि वानिकी प्रथाओं को प्रोत्साहित करना है।
यह राष्ट्रीय वन प्रमाणन योजना देश में स्थायी वन प्रबंधन और कृषिवानिकी को बढ़ावा देने के लिए स्वैच्छिक तृतीय पक्ष प्रमाणीकरण प्रदान करती है। इस योजना में वन प्रबंधन प्रमाणीकरण, वन प्रबंधन प्रमाणन के बाहर पेड़ और हिरासत प्रमाणीकरण की श्रृंखला शामिल है। जिम्मेदार वन प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए 8 मानदंड, 69 संकेतक और 254 सत्यापनकर्ता शामिल हैं।
भारतीय वन और लकड़ी प्रमाणन परिषद एक बहुहितधारक सलाहकार निकाय के रूप में कार्य करते हुए इस योजना की देखरेख करेगी। भारतीय वन प्रबंधन संस्थान, भोपाल, योजना की संचालन एजेंसी के रूप में काम करेगा, जो इसके समग्र कार्यान्वयन का प्रबंधन करेगा।
इसमें भारतीय वानिकी अनुसंधान और शिक्षा परिषद, भारतीय वन सर्वेक्षण, भारतीय गुणवत्ता परिषद और अन्य संस्थानों का प्रतिनिधित्व होगा। भारतीय गुणवत्ता परिषद के तहत प्रमाणन निकायों के लिए राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड प्रमाणन निकायों को मान्यता देगा।
इस योजना के तहत पारंपरिक वन क्षेत्रों से परे स्थायी प्रबंधन को बढ़ावा देते हुए, कृषि वानिकी प्रथाओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है। यह सुनिश्चित करता है कि आपूर्ति श्रृंखला में लकड़ी और लकड़ी-आधारित उत्पाद स्रोत से उपभोक्ता तक टिकाऊ प्रथाओं का पालन करते हैं।
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