COP 28 के अध्यक्ष डॉ. सुल्तान अल जबेर और सऊदी अरब ने आधिकारिक रूप से ऑयल एंड गैस डीकार्बनाइजेशन OGDC चार्टर जारी किया है। इसे वैश्विक जलवायु कार्रवाई की ओर तेजी से बढ़ने के प्रयासों में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
तेल और गैस क्षेत्र के लिए समर्पित ओजीडीसी का उद्देश्य जलवायु संबंधी चुनौतियों के प्रभावों से निपटने में सहयोग करना है। वर्तमान में वैश्विक तेल उत्पादन में 40 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी रखने वाली 50 कंपनियों ने ओजीडीसी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई है।
हस्ताक्षरकर्ताओं ने 2050 तक नेट-शून्य संचालन, 2030 तक नियमित भड़कना समाप्त करने और लगभग शून्य अपस्ट्रीम मीथेन उत्सर्जन के लिए प्रतिबद्धता जताई है। चार्टर के तहत, तेल और गैस कंपनियां नवीकरणीय ऊर्जा, कम कार्बन ईंधन और नकारात्मक उत्सर्जन प्रौद्योगिकियों में निवेश; ऊर्जा गरीबी को कम करना; और सभी अर्थव्यवस्थाओं के विकास को समर्थन देने के लिए सुरक्षित और सस्ती ऊर्जा प्रदान करने में सहयोग करेगी।
इसके अलावा कॉप-28 के अध्यक्ष संयुक्त अरब अमीरात ने विश्व नेताओं के बीच जलवायु संबंधित निवेश संस्था अल्टेरा को 30 अरब डॉलर देने की घोषणा की। इसके साथ ही जलवायु कार्रवाई के लिए समर्पित निजी संस्था अल्टेरा सबसे बड़ा संस्थान बन गई है। यह संस्था वर्ष 2030 तक 250 अरब डॉलर का निवेश करेगी।
अन्य प्रमुख तथ्य
सीओपी 28 में भारतीय पवेलियन में सिक्किम के वन और पर्यावरण सचिव प्रदीप राज्य सरकार की पहल ‘मेरो रुख मेरो संतति’ को प्रस्तुत और प्रदर्शित करेगा।
सीओपी 28 में ‘बिजनेस एंड फिलेंथ्रोपी क्लाइमेट फोरम’ में ऐतिहासिक सहयोग दिखाई दिया, क्योंकि ग्रीन क्लाइमेट फंड, एलाइड क्लाइमेट पार्टनर्स और एलियांज ग्लोबल इन्वेस्टर्स ने जलवायु और प्रकृति कार्रवाई को आगे बढ़ाने के लिए 5 बिलियन डॉलर देने का वादा किया। यह मंच, सीओपी कार्यक्रम के भीतर अपनी तरह की पहली निजी क्षेत्र की भागीदारी पहल है।
फोरम के रणनीतिक साझेदारों में अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम, आर्थिक सहयोग तथा विकास संगठन, विश्व आर्थिक मंच, एशियाई विकास बैंक, अफ्रीका फाइनेंस कॉरिशन, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन, आईडीबी इन्वेस्ट, वर्ल्ड बिजनेस काउंसिल फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट और एक्सप्राइज से अतिरिक्त सहयोग के साथ सतत बाजार पहल शामिल है।